पीएम रानिल विक्रमसिंघे ने संभाला कार्यवाहक राष्ट्रपति का पद, स्पीकर ने किया एलान
कोलंबो
श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के गुरुवार को सिंगापुर से ईमेल के जरिए राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिए जाने की खबर से प्रदर्शनकारी काफी खुश हैं। पार्लियामेंट के स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्द्धने ने उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया है। इसके बाद कार्यवाहक राष्ट्रपति के तौर पर पीएम रानिल विक्रमसिंघे को शपथ दिलाई गई है। इसकी जानकारी स्पीकर ने ही पत्रकारों को मुहैया कराई है।
इस्तीफा देने वाले पहले राष्ट्रपति हैं गोटाबाया
बता दें कि गोटाबाया देश के ऐसे पहले राष्ट्रपति हैं जिन्होंने श्रीलंका द्वारा 1978 में राष्ट्रपति सिस्टम को लागू करने के बाद इस तरह से इस्तीफा दिया है। इससे पहले कहा जा रहा था कि इसकी पहले जांच की जाएगी और इसके कानूनी वैद्यता को भी जांचा जाएगा। इसके बाद ही इसका औपचारिक एलान किया जाएगा। लेकिन अब जबकि उनके इस्तीफे को मंजूर किए जाने का एलान कर दिया गया है जो ये सवाल उठना जरूरी है कि अब श्रीलंका में आगे कैसी राजनीतिक स्थिति होगी।
राष्ट्रपति के चयन की प्रक्रिया होगी शुरू
अब जबकि राष्ट्रपति के इस्तीफे इस्तीफे को मंजूर कर लिया गया है तो अब नए राष्ट्रपति के चयन की प्रक्रिया शुरू होगी। इससे पहले रानिल विक्रमसिंघे, जो कि देश के पीएम हैं, को ही कार्यकारी राष्ट्रपति के तौर पर शपथ दिलाई गई है। वो इस पद पर तब तक रहेंगे जब तक नए राष्ट्रपति का चयन नहीं कर लिया जाता। श्रीलंकाई मीडिया के मुताबिक स्पीकर यापा ने बाकायदा इसको लेकर बयान और आदेश जारी किया है। इसके मुताबिक श्रीलंका के संविधान के अनुच्छेद 38.1 के तहत उन्हें गोटाबाया का इस्तीफ मिल चुका है। इसको 14 जुलाई 2022 से लागू माना जाएगा। इसके साथ ही नए राष्ट्रपति के चयन की प्रक्रिया को औपचारिक रूप से शुरू किया जा सकेगा। तब तक संविधान के मुताबिक मौजूदा प्रधानमंत्री को ही राष्ट्रपति की भी शक्तियां हासिल रहेंगी। एएफपी के मुताबिक पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत 20 जुलाई को नया राष्ट्रपति चुन लिया जाएगा।
स्पेशल प्रोविजन एक्ट के तहत चुना जाएगा राष्ट्रपति
यापा के मुताबिक संविधान के 1981 के स्पेशल प्रोविजन एक्ट नंबर 2 के मुताबिक राष्ट्रपति के चयन की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। उन्होंने इस बात की भी उम्मीद जताई है कि ये पूरा प्रोसेस जल्द ही सफलतापूर्वक पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने ये भी कहा है कि इस दक्षिण एशियाई देश में लोकतांत्रिक मूल्य खतरे में हैं। इसलिए राष्ट्रपति चयर की प्रकिया को पूरी तरह से पारदर्शी और लोकतांत्रिक ढंग से ही पूरा किया जाएगा, जिससे ये आने वाले समय में मील का पत्थर साबित होगा।
स्पीकर की नेताओं और जनता से अपील
इस प्रक्रिया से शुरू होने से पूर्व राष्ट्रपति ने सभी पार्टियों और सभी राज्यों के अधिकारियों से आपसी सहयोग बढ़ाने और देशवासियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दिए जाने पर जोर दिया है। यापा ने देश के नागरिकों से अपील की है कि देश में शांतिपूर्ण माहौल पैदा करें जिससे राष्ट्रपति चयन और इसके बाद की प्रक्रिया को सही से पूरा किया जा सके। इसमें सभी देशवासियों का सहयोग वांछनीय है।
कल बुलाई जाएगी संसद
यापा ने कहा है कि राष्ट्रपति चयन का ये प्रोसेस सात दिनों में पूरा कर लिया जाएगा। 16 जुलाई यानी शनिवार को संसद बुलाई जाएगी। स्पीकर ने सभी सदस्यों से इसमें शामिल होने का आग्रह किया है।