ठक-ठक गैंग का बदमाश गिरफ्तार, कार की बोनट पर तेल गिराकर रोकते थे गाड़ियां
दिल्ली
दक्षिणी जिला पुलिस के स्पेशल स्टाफ ने कुख्यात ठक-ठक गैंग भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने आरोपितों के कब्जे से चोरी की एक स्कूटी, सात लाख नकद बरामद किया है। इससे चोरी के दो मामलों को सुलझाने का दावा भी पुलिस कर रही है। गिरफ्तार आरोपित की पहचान मदनगीर के साहिल के रूप में हुई है। आरोपित का न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी थाने में दर्ज एक मामले में शामिल होने की भी पुष्टि हुई है। वह अपने साथियों के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश के साहिबाबाद में गैंग चलाता था और लूट को अंजाम देता था।
ठक -ठक गैंग को पकड़ने के लिए खास टीम का गठन
पुलिस उपायुक्त चंदन चौधरी ने बताया कि इलाके में लूट, चोरी व झपटमारी की वारदातों पर रोक लगाने के लिए इंस्पेक्टर अतुल त्यागी के नेतृत्व में एसआई योगेश, एएसआई जोगिंदर, हेड कांस्टेबल राकेश, कांस्टेबल संदीप पुनिया, कांस्टेबल अशोक और कांस्टेबल अखिलेश की एक स्पेशल टीम का गठन किया गया है। बृहस्पतिवार को कांस्टेबल अखिलेश को उक्त मामलों से जुड़े एक आरोपित के साकेत इलाके में आने की सूचना मिली। सूचना के आधार पर टीम ने एमबी रोड पर लाडो सराय स्थित डीडीए पार्क के पास योजनाबद्ध तरीके से तैनात हो गई। दोपहर करीब एक बजे टीम को एक संदिग्ध दिखाई दिया।
चलती गड़ियों को निशाना बनाते थे
पुलिस ने उसे पकड़ा और उसकी पहचान के बाद उसे स्कूटी के कागजात दिखाने को कहा तो उसके पास कागजात मौजूद नहीं थे। जांच में स्कूटी का चोरी का होना पाया गया। स्कूटी की तलाशी लेने पर स्कूटी की डिक्की में से सात लाख नकद बरामद हुए। सख्ती से पूछताछ में आरोपित ने बताया कि उत्तर प्रदेश के साहिबाबाद में अपने साथियों के साथ ठक-ठक गैंग चला रहा था। आरोपित ने साहिबाबाद में हुई एक चोरी में अपनी संलिप्तता कबूल की। ज्यादातर आरोपित चलती गाड़ियों को निशाना बनाते थे।
टायर पंक्चर और कार की बोनट पर तेल गिरा कर रोकते थे गाड़ियां
आरोपित साहिल ने बताया कि वह अपने तीन चार सहयोगियों के साथ स्कूटी व बाइक पर निकलते थे। महंगी कारों से चलने वाले लोगों को निशाना बनाते थे। वे इलाके के बड़े व्यापारियों, सुनार आदि लोगों पर पहले से नजर रखते थे कि कब कोई ज्यादा पैसे या अन्य सामान लेकर निकलने वाला है। इसके बाद वे लाल बत्ती के पास पहुंचने पर कारों के पिछले टायरों को पंक्चर कर देते तो कभी कार के बोनट पर तेल गिरा देते थे। इसके बाद चालक को टायर पंक्चर होने या बोनट से धुंआ निकलने की बात बोलकर रोक देते थे। कभी-कभी आरोपित कार के विंड शील्ड पर अंडे वगैरह भी फेंक देते। इस सबके चलते जैसे ही ड्राइवर कार रोककर कार से बाहर आता, तो दूसरे आरोपित कार में रखी महंगी वस्तुएं व नकद लेकर फरार हो जाते थे।