IAF के लिए अगले 10 साल होंगे खास, स्वदेशी ताकत बढ़ेगी, जुड़ेंगे सैकड़ों विमान
नई दिल्ली
अगले दस सालों के भीतर भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों के बेड़े का विस्तार होगा तथा उसमें शामिल ज्यादातर विमान भारत में ही निर्मित होंगे। वायुसेना के पास अभी लड़ाकू विमानों की 31 स्क्वाड्रन ही हैं, जबकि स्वीकृत संख्या 42 स्क्वाड्रन की है। प्रत्येक स्वाड्रन में 18 विमान होते हैं। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी. आर. चौधरी ने कहा कि आने वाले वर्षों में तेजी से नए विमानों की खरीद की जाएगी और 42 स्वाड्रन के लक्ष्य को हासिल किया जाएगा। आइए जानते हैं विमानों की खरीद के लिए क्या योजना है।
इसी साल मिलेंगे 10 तेजस
वायुसेना ने पूर्व में 40 ‘तेजस मार्क-1’ की खरीद का करार हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से किया था। अब तक 30 तेजस मिले चुके हैं। शेष 10 इसी साल मिलने वाले हैं। वहीं, तेजस के अत्याधुनिक संस्करण ‘तेजस मार्क-1ए’ के लिए वायुसेना ने 83 विमानों की खरीद को इसी साल मंजूरी प्रदान की है। 48 हजार करोड़ रुपये के इस सौदे पर वायुसेना एवं एचएएल में हस्ताक्षर हो चुके हैं तथा 2024 से इन विमानों की आपूर्ति आरंभ हो जाएगी। वहीं, 114 मल्टी रोल फाइटर एयरक्राफ्ट की खरीद के लिए 1.5 लाख करोड़ की योजना को मंजूरी दी जा चुकी है। इन विमानों की खरीद के लिए प्रक्रिया शुरू की गई है।
क्या हैं तैयारियां
अगले एक दशक में वायुसेना अपने सभी ज्यादा पुराने विमानों को फेज आउट कर देगी। यानी उन्हें बेडे़ से हटा लिया जाएगा। इसके लिए भी एक कार्यक्रम तैयार किया गया है। 2024 तक मिग-21 की तीन स्क्वाड्रन को हटा लिया जाएगा। साथ ही 2025-26 से जगुआर विमानों की सभी छह स्वाड्रन को हटाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, जिसे 2032 तक उसे पूरा किया जाएगा। 2032 से पहले ही मिराज-2000 की तीन स्क्वाड्रन को भी सेवा से हटाने का कार्य पूरा होगा। इसी अवधि में मिग-29 की तीन स्स्क्वाड्रन भी हटा ली जाएंगी। इस प्रकार 270 लड़ाकू विमानों को सेवा से हटाया जाएगा।
IAF की 90वीं वर्षगांठ पर एयर शो
चंडीगढ़ स्थित सुखना झील परिसर में शनिवार को वायुसेना दिवस फ्लाई पास्ट में करीब 80 सैन्य विमान और हेलीकॉप्टर हिस्सा लेंगे। भारतीय वायु सेना (आईएएफ) अपनी 90वीं वर्षगांठ पर आयोजित समारोह में एयर शो के दौरान विमानों की एक शृंखला के साथ शानदार प्रदर्शन करेगी। यह पहला मौका है जब वायुसेना ने वार्षिक वायु सेना दिवस परेड और फ्लाई पास्ट का आयोजन दिल्ली-एनसीआर से बाहर करने का फैसला किया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह हवाई शो को देखने के लिए सुखना झील में मौजूद रहेंगे। वायुसेना के अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रपति फ्लाई पास्ट के अवसर पर मुख्य अतिथि होंगी।