November 26, 2024

T-90 टैंक का फटा बैरल-चीता हेलीकॉप्टर हुआ क्रैश…सैन्य हलकों में बढ़ी चिंता

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नई दिल्ली
सैन्य हलकों में इन दिनों दो घटनाओं पर चर्चा हो रही है. बीते एक हफ्ते में सेना से जुड़ीं ऐसी दो घटनाएं हुईं, जिनके बाद तरह-तरह की चिंताएं उपजने लगी हैं. 6 अक्टूबर को मध्य प्रदेश के बबीना में ‘फील्ड फायरिंग’ ड्रिल के दौरान एक टैंक का बैरल फटने की वजह से थल सेना के दो जवानों की मौत हो गई थी. जबकि ठीक एक दिन पहले यानी 5 अक्टूबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले में सेना का एक चीता हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें एक पायलट की मौत हो गई. एक हफ्ते में हुईं इन दो घटनाओं ने कई तरह के सवाल खड़े किए हैं.

टी-90 टैंक बैरल फटने की घटना को लेकर सेना ने कोर्ट ऑफ इंक्वायरी शुरू की है. अनुमान लगाया जा रहा है कि ये घटना बैरल के धातुकर्म में फॉल्ट की वजह से या डिफेक्टिव गोला बारूद के कारण घटी. बख्तरबंद रेजिमेंट की कमान संभालने वाले दिग्गजों और कुछ लोगों ने, जिन्होंने टी-72 टैंकों के बैरल का फटना अनुभव किया है, उनका कहना है कि इस स्टेज पर इन दोनों ही बातों को खारिज नहीं किया जा सकता है. चीता हेलीकॉप्टर के पायलट की मौत के बाद पायलटों की जान को बार-बार होने वाले खतरों पर चर्चा हुई. यही नहीं, चर्चा इस बात पर भी हुई कि क्या चीता हेलीकाप्टर अब सेना में अपनी मौजूदगी की क्षमता नहीं रखता है. क्या अब ये सैन्य जिम्मेदारी संभालने के काबिल नहीं है?

टी-90 टैंक बैरल फटने की वजह साफ नहीं
ये अभी तक समझ से परे है कि इस दुर्घटना के लिए आखिर किस बात को जिम्मेदार ठहराया जाए? हेलीकॉप्टर की उम्र को या तकनीकी गड़बड़ी को या फिर खराब मौसम या मानवीय गलतियों (एयरक्रू) को? इसका पता कोर्ट ऑफ इंक्वायरी खत्म होने के बाद ही चल सकेगा. 6 अक्टूबर को बबीना फील्ड फायरिंग रेंज में वार्षिक गोलीबारी के दौरान एक टैंक का बैरल फट गया था. 3 स्टाफ की एक टीम इस टैंक को ऑपरेट कर रही थी. इस घटना में कमांडर और गनर की जलने की वजह से मौत हो गई थी. वहीं, अरुणाचल प्रदेश के तवांग में चीता हेलीकॉप्टर में दो पायलट सवार थे. इस हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने की वजह से एक पायलट की जान चली गई.
 

सेना की पत्नियों की सरकार से अपील
टी-90 बैरल के फटने की वजह फिलहाल साफ नहीं है. लिहाजा सेना ने कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी का आदेश दिया है. इन हेलीकॉप्टरों को उड़ाने वाले पायलटों या इनपर काम करने वाले इंजीनियर्स की पत्नियों ने सरकार से पत्र लिखकर यह मांग की है कि अब इन पुराने हेलिकॉप्टरों को सैन्य सेवा से वापस ले लिया जाए.

 

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