November 12, 2024

कार्तिक मास प्रारंभ इस माह में माह में छह सर्वार्थसिद्धि, एक अमृतसिद्धि योग

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 भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति का सर्वोत्तम मास कार्तिक सोमवार से शुरू । पंचांगीय गणना के अनुसार इस बार कार्तिक मास में छह सर्वार्थसिद्धि व एक अमृतसिद्धि योग का संयोग बन रहा है। एक माह में पांच सोमवार व पांच मंगलवार की साक्षी भी शुभ मानी जा रही है। इस पुण्य मास में तुलसी शालिग्राम का पूजन तथा यम के निमित्त दीपदान करने से क्रमशः सुख समृद्धि तथा अज्ञात भय से निवृत्ति मिलती है। उज्जैन के भरतपुरी स्थित इस्कान मंदिर में रविवार से कार्तिक उत्सव का शुभारंभ हो गया है। आने वाली कार्तिक पूर्णिमा तक एक माह प्रतिदिन शाम 7 बजे दामोदर अष्टक का पाठ होगा। भक्त अपने हाथों से मंदिर में दीपदान कर सकेंगे। भक्तों को दीपदान की सामग्री मंदिर से निःशुल्क प्राप्त होगी।

ज्योतिषाचार्य के अनुसार कार्तिक मास में विशेष योग तथा वारों का संयोग बन रहा है। इस माह में आने वाले व्रत त्योहार भी विशिष्ट योग नक्षत्र की साक्षी में आ रहे हैं। ग्रह, योग, नक्षत्र की श्रेष्ठ स्थिति ने इस पुण्य पवित्र मास की शुभता को ओर बढ़ा दिया है। धर्मशास्त्रीय मान्यता के अनुसार कार्तिक मास में तीर्थ स्नान, तुलसी शालिग्राम का पूजन तथा भजन कीर्तन करने से जन्म जन्मांतर के पापों का नाश होता है तथा परिवार में सुख समृद्धि आती है। यही नहीं इस माह में सूर्यास्त के पश्चात घर की छत पर दक्षिण दिशा की ओर मुख करके तिल्ली के तेल का दीपक लगाने से अज्ञात भय का नाश होता है तथा परिवार के सदस्यों की दीर्घायु होती है। यह भी मान्यता है कि घर की छत पर आठ पंखुड़ियों का कमल बनाकर उसके मध्य में तिल के तेल का दीपक प्रज्वलित कर लक्ष्मी, इंद्र, यम, कुबेर के निमित्त ध्यान लगाकर समृद्धि, ऐश्वर्य, प्रगति तथा धार्मिक उन्नति की प्रार्थना करने से अनुकूलता प्राप्त होती है।

इस्कान मंदिर में एक माह दीपदान कर सकेंगे भक्त

 जिस प्रकार शिव की भक्ति के लिए श्रावण मास विशेष है। उसी प्रकार भगवान श्री कृष्ण की भक्ति के लिए कार्तिक मास सर्वश्रेष्ठ बताया गया है। इस पुण्य पवित्र मास में संध्या काल में दामोदर अष्टक का पाठ तथा दीपदान करने का विशेष महत्व है। इस्कान मंदिर में कार्तिक मास उत्सव के रूप में मनाया जाता है। शरद पूर्णिमा से इसकी शुरुआत हुई, अब 8 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा तक निरंतर दीपदान व पाठ होगा। भक्त भगवान राधा दामोदर के दर्शन व दीपदान कर धर्मलाभ ले सकते हैं।

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