September 27, 2024

किसान सम्मान निधि की राशि बढ़ाने किसान संगठन डाल रहा सरकार पर दबाव

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नई दिल्ली :
 राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ा किसान संगठन भारतीय किसान संघ की मांग है कि किसान सम्मान निधि की राशि बढ़ाई जाए। साथ ही कृषि आदानों से जीएसटी खत्म की जाए। अपनी मांगों के साथ किसान संघ 19 दिसंबर को दिल्ली में शक्ति प्रदर्शन करेगा। किसान संघ के महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र ने कहा कि खाद्यान की सुरक्षा के साथ ही किसानों की सुरक्षा भी जरूरी है। किसानों ने भरपूर उत्पादन करके देश की खाद्यान सुरक्षा सुनिश्चित की है लेकिन किसानों के हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। संघ के मंत्री के.साई रेड्डी ने कहा कि 8 और 9 अक्टूबर को किसान संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी की मीटिंग हुई जिसमें तय किया गया कि देश भर के किसानों के साथ मिलकर किसान संघ 19 दिसंबर को दिल्ली में शक्ति प्रदर्शन करेगा और सरकार के सामने अपनी मांगें रखेगा।

कृषि के साधनों पर खत्म हो जीएसटी
मोहिनी मोहन मिश्र ने कहा कि किसान जो फसल उगाता है उसे उसकी लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य अभी तक नहीं मिल रहा है। किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए हमारी मांग है कि कृषि आदानों (इनपुट) से जीएसटी खत्म किया जाए। अभी इसमें 18 पर्सेंट जीएसटी लगता है। उन्होंने कहा कि किसानों को अपने उत्पाद पर कोई इनपुट क्रेडिट नहीं मिलता इसलिए जीएसटी लगाना गलत है। साथ ही हमारी मांग है कि किसान सम्मान निधि बढ़ाई जाए। उन्होंने कहा कि 2018 में किसान सम्मान निधि लागू हुई थी लेकिन तब से महंगाई बढ़ी है। रूस-यूक्रेन लड़ाई की वजह से भी फर्टिलाइजर महंगा हुआ है। साथ ही कृषि में इस्तेमाल बाकी सामान भी महंगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि इसलिए किसान सम्मान निधि बढ़ाना जरूरी है।

आंदोलन, शक्ति प्रदर्शन की जरूरत क्यों?
इस वक्त केंद्र में बीजेपी की सरकार है। भारतीय किसान संघ की तरह ही बीजेपी का भी वैचारिक संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ है। विचार परिवार के सदस्य की सरकार होने के बावजूद किसान संघ को आंदोलन की और शक्ति प्रदर्शन की जरूरत क्यों पड़ रही है? इस सवाल पर किसान संघ महामंत्री मिश्र ने कहा कि सरकार तो सरकार होती है और उनका गणित अलग होता है। कई कंपनियों की लॉबी भी होती है, इसलिए हम सरकार को आगाह कर रहे हैं कि किसानों के हित में ये कदम उठाने जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि हम किसानों को लाभाकारी मूल्य देने के लिए लगातार दबाव बनाते रहे हैं और सरकार ने वक्त वक्त पर एमएसपी बढ़ाई भी है। लेकिन हम चाहते हैं कि एक ऐसा सिस्टम बने जिससे बढ़ती महंगाई के हिसाब से किसानों को एमएसपी मिले ताकि उसे उसके उत्पाद का लाभकारी मूल्य मिल सके।

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