राजधानी में एक दशक में अक्टूबर माह में पहली बार इतनी अधिक हुई बारिश
भोपाल
अलग–अलग स्थानों पर बनी मौसम प्रणालियों के असर से मध्य प्रदेश के अधिकतर जिलों में रुक–रुककर वर्षा हो रही है। इसी क्रम में पिछले 24 घंटों के दौरान मंगलवार सुबह साढ़े आठ बजे तक नरसिंहपुर में 120, रीवा में 82, सागर में 70.2, भोपाल में 69, जबलपुर में 67.4, सीधी में 65.2, खरगोन में 58.2, उमरिया में 51.7, खंडवा में 37.2, नर्मदापुरम में 36.6, रायसेन में 32, खजुराहो में 31.8, सतना में 31.4, मंडला में 28.2, पचमढ़ी में 17.4, दमोह में 17, मलाजखंड में 16.6, ग्वालियर में 14, दतिया में 7.8, इंदौर में 4.2, नौगांव में 2.4, शिवपुरी में एक, उज्जैन में 0.4, धार में 0.2 मिलीमीटर वर्षा हुर्इ। गुना में बूंदाबांदी हुर्इ। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक मंगलवार को भोपाल, नर्मदापुरम, खंडवा, खरगोन में गरज–चमक के साथ वर्षा होने के आसार हैं। उधर राजधानी में दस साल में अक्टूबर माह में पहली बार इतनी अधिक वर्षाहुई है। एक अक्टूबर से मंगलवार सुबह साढ़े आठ बजे तक भोपाल में 136.7 मिमी. वर्षा हो चुकी है। इसके पूर्व वर्ष 2019 में अक्टूबर माह में कुल 133.1 मिमी. वर्षा हुइ थी।
मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक वर्तमान में हरियाणा पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। तमिलनाडु से लेकर उत्तर–पूर्वी राजस्थान तक एक ट्रफ लाइन बनी हुईहै, जो मध्य प्रदेश से होकर गुजर रही है। एक पश्चिमी विक्षोभ पाकिस्तान और उसके आसपास बना हुआ है। मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि इन तीन मौसम प्रणालियों के असर से बंगाल की खाड़ी एवं अरब सागर से नमी आ रही है। इस वजह से मध्य प्रदेश के अधिकतर जिलों में रुक–रुककर वर्षा हो रही है। शुक्ला के मुताबिक मंगलवार को भी भोपाल, नर्मदापुरम, खंडवा, खरगोन में गरज–चमक के साथ वर्षा होने के आसार हैं। बुधवार से भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, चंबल संभागों के जिलों में मौसम साफ होने लगेगा। रीवा, शहडोल, सागर एवं जबलपुर संभागों के जिलों में रुक–रुककर वर्षा होती रहेगी।