पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, महाकाल की नगरी प्रलय के प्रहार से भी मुक्त है
उज्जैन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हर-हर महादेव और जय श्रीमहाकाल के साथ सभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि महाकाल नगरी प्रलय के प्रहार से भी मुक्त है। कार्यक्रम में गायक कैलाश खेर महाकाल गान की प्रस्तुति दी। इसके पहले प्रधानमंत्री ने महाकाल लोक का लोकार्पण किया और फिर इ-कार्ट वाहन में बैठकर पूरे प्रांगण का अवलोकन किया। प्रधानमंत्री ने उज्जैन पहुंचते ही सबसे पहले महाकाल मंदिर पहुंचे और षोपडषोपचार पूजन किया व गर्भगृह में बैठकर ही जाप किया। प्रधानमंत्री बाहर आए और फिर नंदी जी के पास बैठकर प्रार्थना की। मंदिर में पुजारी ने प्रधानमंत्री को रुद्राक्ष की माला पहनाई, मंत्रोच्चार के साथ त्रिपुंड लगाया। महाकाल लोक लोकार्पण को लेकर लाइव अपडेट्स पढ़िए यहां…
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, उज्जैन भारतीय काल गणना का केंद्र बिंदु
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, भारत के लिए धर्म का अर्थ है हमारे कर्तव्यों का सामूहिक संकल्प। हमारे संकल्पों का ध्येय है विश्व का कल्याण। मानव मात्र की सेवा। भगवान शिव की विविध प्रकार से शास्त्रोक्त व्याख्या पर जनसमुदाय ने तालियां बजाकर कई बार प्रधानमंत्री का अभिनंदन किया। प्रधानमंत्री ने कहा- हमारी आस्था के केंद्र जागृत है। अतीत हमने देखा है। प्रयास हुए, सत्ताएं बदली, भारत का शोषण भी हुआ, आजादी भी गई। प्रधानमंत्री ने कहा, आक्रमणकारियों ने उज्जैन की उर्जा को कलुषित करने का प्रयास भी किया। लेकिन हमारे ऋषियों ने कहा महाकाल शिव की शरण में मृत्यु भी हमारा क्या करेगी। इसलिए यह नगरी अपनी आस्था के केंद्र अपनी उर्जा से फिर जीवंत हो उठा। हमने फिर काल के कपाल पर कालातीत अस्तित्व का लेख लिख दिया। उज्जैन जो हजारों वर्षों से भारतीय काल गणना का केंद्र बिंदु रहा है वो आज एक बार फिर भारत की भव्यता के एक नए कालखंड का उद्घोष कर रहा है।
भगवान महाकाल एकमात्र ऐसे ज्योतिर्लिंग हैं जो दक्षिणमुखी है
प्रधानमंत्री ने कहा कि भगवान महाकाल एकमात्र ऐसे ज्योतिर्लिंग हैं जो दक्षिणमुखी है। यह शिव के ऐसे स्वरूप हैं जिनकी भस्म आरती विश्व में प्रसिद्ध है। यहां की भस्मारती के हर भक्त दर्शन करना चाहता हैं। इस परंपरा में भारत की जीवटता और अपराजेय अस्तित्व को भी देखता हूं। हमारे ज्योतिर्लिंग का विकास भारत का आध्यात्मिक विकास है। भारत का आध्यात्मिक दर्शन एक बार फिर शिखर पर पहुंचकर विश्व के मार्गदर्शन के लिए तैयार हो रहा है।
महाकाल लोक अतित के गौरव के साथ भविष्य का कर रहा स्वागत
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, सोमनाथ, केदारनाथ, बदरीनाथ धाम में नवनिर्माण, अयोध्या में श्री राम मंदिर निर्माण तथा चारधाम निर्माण प्रोजेक्ट में आल वेदर रोड बन रही। भारत अपनी सांस्कृतिक व आध्यात्मिक चेतना के स्थलों का पुनर्निर्माण कर रहा है। जब हम उत्तर से दक्षिण तक, पूरब से पश्चिम तक अपने प्राचीन मंदिरों को देखते हैं, तो उनका सांस्कृतिक वैभव, उनकी विशालता व वैज्ञानिकता हमें आश्चर्य से भर देती है। महाकाल लोक अतित के गौरव के साथ भविष्य के स्वागत के लिए तैयार हो गया है। हम उत्तर से दक्षिण, पूर्व से पश्चिम तक अपने प्राचीन मंदिर को देखते हैं तो उनकी विशालता, उनका वास्तु हमें आश्चर्य से भर देता है। यह भारत का अमृत महोत्सव का हाल है। इस अमृत काल में यह राष्ट्र अपनी सांस्कृतिक चेतना का पुनः आह्वान कर रहा है। देश भर के विभिन्न प्राचीन मंदिरों का जिक्र कर रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी। हमारे ऋषि-मुनियों, विद्वानों ने प्राचीन काल में बिना तकनीक और आधुनिकता के ही ऐसे विराट निर्माण कैसे किए होंगे, यह देखकर दुनिया चकित होती है।
शंकर के सानिध्य में सबकुछ अलौकिक है
प्रधानमंत्री ने कहा उज्जैन की ये ऊर्जा, ये उत्साह। अवंतिका की ये आभा, ये अद्भुतता, ये आनंद। महाकाल की ये महिमा, ये महात्म्या। 'महाकाल लोक' में लौकिक कुछ भी नहीं है। शंकर के सानिध्य में साधारण कुछ भी नहीं है। सब कुछ अलौकिक है, असाधारण है। अविस्मरणीय है, अविश्वसनीय है। शंकर के सानिध्य में साधारण कुछ भी नहीं है। शंकर के सानिध्य में साधारण कुछ भी नहीं है। सब कुछ अलौकिक है, असाधारण है। अविस्मरणीय है, अविश्वसनीय है। आजादी के अमृत काल में भारत ने गुलामी की मानसिकता से मुक्ति और अपनी विरासत पर गर्व जैसे पंचप्राण का आह्वान किया है। आज अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण पूरी गति से हो रहा है। काशी में विश्वनाथ धाम सांस्कृतिक गौरव बढ़ा रहा है। सोमनाथ, केदारनाथ में विकास के नए अध्याय लिखे जा रहे हैं।
हर-हर महादेव और जय श्री महाकाल के साथ पीएम ने शुरू किया भाषण
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हर-हर महादेव और जय श्री महाकाल के साथ संबोधन शुरू किया। उन्होंने कहा कि उज्जैन की यह ऊर्जा, आशा, महाकाल की यह महिला। महाकाल के लोक में सबकुछ अलौकिक है। यह मैं आज महसूस कर रहा हूं, महाकाल का आशीर्वाद जब मिलता है तो काल की रेखाएं मिट जाती है। महाकाल लोक की यह भव्यता भी समय की सीमाओं से परे आने वाले पीढि़यों को दर्शन कराएगी। मैं राजाधिराज महाकाल के चरणों में नमन करता हूं।