पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने दी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठने की चेतावनी
इंदौर
भर्ती सत्याग्रह कर रहे बेरोजगारों पर पुलिस की सख्ती के मामलें में अब पूर्व मंत्री और विधायक जीतू पटवारी ने सवाल उठाए है, उन्होंने नौकरी की मांग करने इंदौर से भोपाल गए स्टूडेंट को घसीटकर पीटने के मामले में शिवराज सरकार को घेरते हुए कहा कि सरकार को दो सप्ताह का समय दिया है। इसके बाद भी स्टूडेंट के इंटरव्यू और नियुक्ति प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाया गया तो वे इंदौर स्थित एमपीपीएससी मुख्यालय के बाहर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी इन छात्रों का समर्थन कर चुके हैं। वही भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी भी सीएम शिवराज को पत्र लिख चुके है।
हजारों रिक्त पद, भर्ती में धांधली, परीक्षाएं नहीं होना, नियुक्ति नहीं मिल पाना, अब #मध्यप्रदेश की पहचान है!@narendramodi जी,
कृपया @ChouhanShivraj सरकार के कर्मों का संज्ञान लें! यदि 02 सप्ताह में समस्याएं हल नहीं हुईं, तो मैं #MPPSC दफ्तर के सामने भूख हड़ताल पर बैठूंगा! pic.twitter.com/Cx9eFiS2x0
— Jitendra (Jitu) Patwari (@jitupatwari) October 11, 2022
टि्वटर हैंडल पर पोस्ट की वीडियो
जीतू पटवारी ने अपने ट्विटर हैंडल पर इसे लेकर एक वीडियो पोस्ट की है। जिसमें उन्होंने अनिश्चिकालीन भूख हड़ताल की चेतावनी दी है। अपनी इस वीडियो में जीतू पटवारी ने कहा कि मप्र देश का पहला राज्य हमारा है जिसमें व्यापम जैसा कांड हुआ। उन्होंने पीएससी एग्जाम में मैनिपुलेशन होने, पेपर सेट करने में भी सेंटिंग होने, इंटरव्यू में भाई भतीजावाद चलने, कॉपियां भी मैनिपुलेशन करने की बात कही। इसके बाद भी पीएससी के माध्यम से लाखों पद खाली पड़े हैं। इस भाव को लेकर छात्र लगातार आंदोलित हैं।
यह है मांगे
ओबीसी आरक्षण मामले का जल्द निराकरण किया जाए।
राज्य सेवा परीक्षा 2019 के रोस्टर केस में रिवाइज्ड रिजल्ट घोषित कर प्रक्रिया पूरी करें।
PEB द्वारा बैकलॉग पदों समेत आगामी भर्ती परीक्षा कैलेंडर जारी किया जाए।
विभिन्न विभागों में खाली पड़े पदों पर स्थाई नियुक्ति हो।
मध्य प्रदेश की सरकारी नौकरियां प्रदेश के युवाओं को दी जाए।
शिक्षक भर्ती वर्ग 1 और वर्ग 2 में पदों की वृद्धि कर द्वितीय काउंसलिंग शुरू की जाए।
MPTET वर्ग 3 में पदों की संख्या 51,000 हो।
MP आरक्षक की 15% वेटिंग के साथ मेरिट लिस्ट जल्दी जारी हो।
सेवानिवृति आयु को 58 वर्ष किया जाए।
संविदा नियुक्ति पर रोक लगे, जिससे युवा को स्थायी रोजगार के अवसर बढ़ सकें।
वेतन में 70, 80, 90% का प्रावधान खत्म करके, पूर्ण वेतन दिया जाए।
असिस्टेंट प्रोफेसर की रिक्तियां निकाली जाएं।
नॉर्मलाइज की प्रक्रिया खत्म की जाए।
सरकार की भर्ती प्रक्रिया में सुधार किया जाए।
हर साल न्यूनतम 10% पदों पर भर्ती की जाए।
संविदा और आउटसोर्स प्रारूप में भर्ती बंद की जाए।
सभी परीक्षाओं में आवेदन शुल्क अधिकतम 100 रुपए किया जाए।
प्रत्येक परीक्षा में परीक्षा के लिए आवेदन के लिए मध्यप्रदेश का मूल निवासी होना अनिवार्य किया जाए।
मध्यप्रदेश के विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों, एक्सटेंशन कार्यालय पर प्रोफेसरों, वैज्ञानिकों, रिसर्च की भर्ती पीएसी के माध्यम से कराई जाए।
परीक्षाओं में धांधली या घोटाला सामने आने पर जांच SIT या CBI को सौंपी जाए। 45 दिनों में जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
रोजगार कानून को अंतिम रूप देने से पहले सलाहकार समिति गठित की जाए।