अब महाराष्ट्र में ‘तलवार-ढाल’ से होगा ‘मशाल’ का मुकाबला
मुंबई
चुनाव आयोग ने मंगलवार को एकनाथ शिंदे गुट को भी चुनाव चिह्न जारी कर दिया है. आयोग ने उन्हें दो तलवारें और ढाल वाला चिह्न जारी किया है. उद्धाव ठाकरे को टॉर्च और मशाल वाला चिह्न जारी किया गया है. वहीं, उनकी पार्टी का नाम शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे रखा गया है. वहीं, शिवसेना के दूसरे गुट यानी एकनाथ शिंदे गुट की पार्टी का नाम 'बालासाहेबआंची शिवसेना' पार्टी नाम रखा गया है.
सोमवार को उद्धव व शिंदे गुट ने चुनाव आयोग को तीन-तीन नाम व चुनाव चिन्ह प्रदान किए थे. जिसमें चुनाव आयोग ने शिंदे गुट के चुनाव चिन्ह वाले तीनों विकल्पों को अस्वीकार कर दिया. आयोग ने शिवसेना के प्रतिद्वंदी गुट के दिए गदा व त्रिशूल को चुनाव चिन्ह के रूप में आवंटित करने से मना कर दिया. इसके पीछे आयोग इनके धार्मिक चिन्ह होने का हवाला दिया. इसके बाद आयोग ने शिंदे गुट के द्वारा भेजे तीसरे चिन्ह उगता सूरज को डीएमके पार्टी के चुनाव चिन्ह जैसा दिखने के कारण अस्वीकार कर दिया. यही वजह थी कि शिंदे गुट को चुनाव चिन्ह आवंटित नहीं हो पाया. अब आयोग ने शिंदे गुट को मंगलवार को नया चुनाव चिन्ह अलॉट कर दिया है.
महाराष्ट्र में नई सरकार बनने के बाद से शिवसेना में खींचतान चल रही थी. चुनाव आयोग ने 8 अक्टूबर को शिवसेना का चुनाव चिन्ह तीर कमान फ्रीज कर दिया था. आयोग द्वारा 3 नवंबर को मुंबई के अंधेरी वेस्ट विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव तक दोनों गुटों पर पार्टी का नाम व चुनाव चिन्ह का उपयोग करने पर पाबंदी लगा दी थी.
उसने ठाकरे गुट के लिए पार्टी के नाम के रूप में 'शिवसेना – उद्धव बालासाहेब ठाकरे' नाम आवंटित किया, जबकि एकनाथ शिंदे के गुट को 'बालासाहेबंची शिवसेना' (बालासाहेब की शिवसेना) नाम आवंटित किया गया, लेकिन शिंदे खेमे के चुनाव चिह्न के रूप में 'त्रिशूल', ‘गदा’ और ‘उगते सूरज’ को खारिज कर दिया था। ठाकरे धड़े ने भी त्रिशूल एवं उगते सूरज को चुनाव चिह्न के रूप में अपनी पसंद बताया था। उगता सूरज द्रविड़ मुनेत्र कषगम का चिह्न है। आयोग ने शिंदे नीत धड़े को मंगलवार सुबह तक चिह्नों की नयी सूची सौंपने को कहा थां।
शिंदे ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व के खिलाफ बगावत करते हुए दावा किया था कि उनके पास शिवसेना के 55 में 40 विधायकों और 18 लोकसभा सदस्यों में से 12 का समर्थन प्राप्त है। उद्धव के इस्तीफे के बाद शिंदे ने भाजपा की मदद से सरकार बनाने हुए मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।