उज्जैन रेलवे स्टेशन से महाकालेश्वर मंदिर तक रोपवे,18 महीनों में 210 करोड़ की लगत से होगा तैयार ,मिली केंद्र सरकार मंजूरी
उज्जैन
उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर के लिए 210 करोड़ रुपये की लागत से 2 किलोमीटर लंबा रोपवे बनाने के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ऐलान पर कुछ ही महीनों के भीतर कदम उठाते हुए केंद्र सरकार ने इस परियोजना के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं.
केंद्र की ओर से यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उज्जैन में मेगा ‘महाकाल कॉरिडोर’ परियोजना का उद्घाटन करने से ठीक पहले उठाया गया है. यह कॉरिडोर वाराणसी के काशी विश्वनाथ कॉरिडोर परियोजना की तर्ज पर बनाया गया है. काशी विश्वनाथ की तरह ही उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर एक ‘ज्योतिर्लिंग’ और भगवान शिव का एक बहुत ही पूजनीय मंदिर है.
सीएम शिवराज ने अगस्त में की थी रोपवे प्रोजेक्ट की घोषणा
मुख्यमंत्री चौहान ने अगस्त में तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए उज्जैन रेलवे स्टेशन से महाकालेश्वर मंदिर तक रोपवे बनाने की घोषणा की थी. इसे लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के मातहत आने वाले एक विभाग (नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड) ने परियोजना के लिए निविदाएं आमंत्रित की है, जिसमें अगले 18 महीनों के भीतर इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पहले कहा था कि इस परियोजना से मंदिर आने वाले बुजुर्गों और शारीरिक रूप से अक्षम लोगों को मदद मिलने की उम्मीद है. चौहान ने इस परियोजना के लिए नितिन गडकरी से अनुरोध किया था, जहां से जल्द ही मंजूरी मिल गई.
बता दें कि महाकाल कॉरिडोर को ‘शिव लीला’ की अवधारणा पर डिजाइन किया गया है, जिसमें भगवान शिव की कहानियों को दर्शाती मूर्तियां स्थापित की गई हैं. इस परियोजना के हिस्से के रूप में महाकालेश्वर मंदिर परिसर का क्षेत्रफल लगभग 50 हेक्टेयर तक बढ़ाया जा रहा है. इसके साथ ही मंदिर में भीड़भाड़ कम करने के लिए और अधिक प्रवेश द्वार बनाए जा रहे हैं. वहीं इस रोपवे परियोजना से तीर्थयात्री कुछ ही मिनटों में उज्जैन रेलवे स्टेशन से सीधे मंदिर परिसर तक पहुंच सकेंगे.