April 14, 2025

सैनी सरकार का बड़ा एक्‍शन, गुरुग्राम में 6500 मकानों पर लटकी तलवार, हाईकोर्ट ने मांगी रिपोर्ट

0

गुरुग्राम  

 हरियाणा सरकार ने गुरुग्राम में लगभग साढ़े छह हजार मकानों के खिलाफ सख्त एक्‍शन लिया है। इसमें से चार हजार मकानों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। जबकि गुरुग्राम नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग द्वारा डीएलएफ फेज-एक से फेज-पांच तक लगभग ढाई हजार अवैध मकानों के खिलाफ सीलिंग अभियान शुक्रवार से शुरू किया जाएगा। इस अभियान के तहत गुरुवार को मुनादी करवाई गई। जिससे निवासियों को जानकारी दी गई। कार्रवाई के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भारी पुलिस बल तैनात रहेगा। अगर कोई व्यक्ति कार्य में रुकावट डालने की कोशिश करता है तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। इस अभियान को लेकर मौजूदा योजना के तहत गुरुग्राम नगर नियोजन विभाग के डीटीपीई कार्यालय द्वारा 11 दिनों तक लगातार सीलिंग की कार्रवाई की जाएगी।

डीएलएफ सिटी वेलफेयर एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में डाली याचिका
दरअसल, जिन मकानों के खिलाफ सीलिंग अभियान चलाया जा रहा है। उनपर अवैध निर्माण का आरोप है। इन मकानों में कब्जा प्रमाणपत्र और नक्शे के उल्लंघन के कारण अवैध निर्माण किए गए हैं। इसके साथ ही इन मकानों में अवैध रूप से व्यावसायिक गतिविधियां भी चलाई जा रही हैं। इस मामले में डीएलएफ सिटी वेलफेयर एसोसिएशन ने साल 2011 में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।

याचिका में आरोप लगाया गया था कि गुरुग्राम के डीएलएफ फेज-तीन में 60-60 वर्ग गज के मकानों में नक्शे का उल्लंघन कर सात से आठ मंजिला भवन बना दिए गए हैं। इसके अलावा, इन अवैध भवनों में परचून की दुकानें, कपड़े की दुकानें, ब्यूटी पार्लर, मोबाइल शॉप्स, रेस्तरां, पीजी, और गेस्ट हाउस भी खोले गए हैं। इन व्यावसायिक गतिविधियों के कारण आसपास के निवासियों को भारी असुविधाएं हो रही हैं।

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने इस मामले में हरियाणा सरकार से जवाब तलब किया था। हरियाणा सरकार ने अपने जवाब में कहा था कि इन मकानों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। 13 फरवरी को हाईकोर्ट ने कार्रवाई की रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश जारी किए थे और अब 19 अप्रैल को इस मामले की अगली सुनवाई है। जिसमें सरकार अपना जवाब दाखिल करेगी। इसी सिलसिले में गुरुग्राम नगर नियोजन विभाग यह कार्रवाई कर रहा है। इस अभियान के दौरान, मकानों की सीलिंग की जाएगी और इन अवैध निर्माण के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ताकि भविष्य में इस तरह के निर्माण रोके जा सकें।

6500 मकानों में पाया गया नियमों का उल्लंघन
डीटीपीई कार्यालय ने एक सर्वे के दौरान पाया कि करीब साढ़े छह हजार मकानों में नियमों का उल्लंघन हुआ है। इनमें से लगभग चार हजार मकानों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जा चुका है। इसके अलावा ढाई हजार मकान मालिकों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के साथ-साथ उनके कब्जा प्रमाण पत्र रद्द करने की प्रक्रिया भी चल रही है। इनके बिजली, पानी और सीवर कनेक्शन काटने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी।

डीटीपीई कार्यालय के सूत्रों का कहना है कि इस अभियान के दौरान यदि मकान मालिक जुर्माना अदा करते हैं तो सील खोली जा सकती है। नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग के नियमानुसार, मकान के सील होने के बाद उसे 630 रुपये प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से जुर्माना अदा करने के बाद खोला जाएगा। साथ ही, 1260 रुपये प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से बैंक गारंटी जमा करनी होगी। यदि तीन महीने के भीतर अवैध निर्माण या व्यावसायिक गतिविधियां बंद नहीं की जातीं, तो बैंक गारंटी जब्त कर ली जाएगी।

सीलिंग अभियान के गठित की गई चार टीमें
डीटीपीई कार्यालय ने इस अभियान के लिए चार टीमों का गठन किया है। ये टीमें एक साथ पांचों फेज में कार्रवाई करेंगी। प्रत्येक टीम के साथ ड्यूटी मजिस्ट्रेट और पुलिस बल तैनात रहेगा। अगर किसी भी स्थान पर विरोध होता है, तो अतिरिक्त पुलिस बल को बुलाया जाएगा। दूसरी ओर, डीटीपीई कार्यालय की कार्रवाई का असर डीएलएफ फेज-तीन के यू ब्लॉक में देखा गया है। जहां भूतल पर खुली दुकानों को बंद कर दिया गया है। इसके अलावा, 60-60 वर्ग गज के प्लॉट पर सात से आठ मंजिला अवैध मकान बनाए गए थे, जिन्हें नियमों के उल्लंघन के चलते सील किया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *