वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वॉशिंगटन में बताया, कैसा होगा भारत का अगला बजट?
वाशिंगटन
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत का अगला वार्षिक बजट बहुत ही ध्यान से कुछ इस प्रकार बनाना होगा, जिससे कि देश की वृद्धि की रफ्तार कायम रहे। उन्होंने कहा कि इससे मुद्रास्फीति संबंधी चिंताओं से निपटने में भी मदद मिलेगी।अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक की वार्षिक बैठक में भाग लेने के लिए वाशिंगटन डीसी आईं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यहां ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूट में अर्थशास्त्री ईश्वर प्रसाद से संवाद के दौरान एक सवाल के जवाब में यह कहा।
सीतारमण ने कहा,आगामी बजट के बारे में कुछ विशेष बता पाना अभी जल्दबाजी होगा और यह मुश्किल भी है, लेकिन मोटे तौर पर कहें तो वृद्धि की प्राथमिकताएं सबसे ऊपर रहेंगी। मुद्रास्फीति की चिंताओं से भी निपटना होगा, लेकिन फिर सवाल उठेगा कि आप वृद्धि को किस प्रकार बरकरार रखेंगे। बजट के लिए तैयारियां दिसंबर से शुरू हो जाती हैं।
जीडीपी दर सात फीसदी रहने की उम्मीद
पीएचडीसीसीआई ने कहा कि मौजूदा रुझान को देखते हुए चालू वित्त वर्ष में जीडीपी दर छह से सात फीसदी रह सकती है। उद्योग मंडल के नए अध्यक्ष साकेत डालमिया ने कहा कि उत्पादन में तेजी आई है और देश में मजबूत मांग है।
रुपे की स्वीकार्यता के लिए कई देशों से बात
सीतारमण ने कहा कि भारत विभिन्न देशों से रुपे को उनके यहां स्वीकार्य बनाने के लिए बात कर रहा है और सिंगापुर एवं संयुक्त अरब अमीरात रुपे को अपने देश में स्वीकार्य बनाने के लिए आगे आ चुके हैं। इसके अलावा यूपीआई, भीम ऐप और एनसीपीआई पर इस तरह से काम किया जा रहा है ताकि उनके देशों की प्रणालियों के साथ मिलकर काम कर सकें।