‘पराठों पर जीएसटी’ के फैसले से भड़के सीएम केजरीवाल, कहा- ऐसा टैक्स तो अंग्रेजों ने भी नहीं लगाया
नई दिल्ली
पराठों पर जीएसटी (GST on Paratha): गुजरात में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज हैं और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित आम आदमी पार्टी के दिग्गज नेता प्रदेश में सरकार चला रही भारतीय जनता पार्टी को घेरने में जुटे हैं। इसी कड़ी में अब अरविंद केजरीवाल ने गुजरात में पराठों पर 18 फीसदी जीएसटी लगाए जाने के फैसले को लेकर भाजपा सरकार को घेरा है। अरविंद केजरीवाल ने गुजरात अपीलेट अथॉरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग के उस फैसले पर ट्वीट करते हुए लिखा कि खाने के सामान पर तो कभी ब्रिटिश सरकार ने भी टैक्स नहीं लगाया था।
'देश में महंगाई का सबसे बड़ा कारण इतना ज्यादा GST'
दरअसल गुजरात अपीलेट अथॉरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग ने अपने एक फैसले में कहा कि पराठे सामान्य रोटी से अलग हैं, इसलिए पराठों पर 18 फीसदी जीएसटी लेना चाहिए। अरविंद केजरीवाल ने इसी खबर का स्क्रीन शॉट शेयर करते हुए ट्वीट किया, 'खाने पीने की चीजों पर तो अंग्रेजों ने भी टैक्स नहीं लगाया था। आज देश में महंगाई का सबसे बड़ा कारण केंद्र सरकार द्वारा लगाया जा रहा इतना ज़्यादा GST है। इसे कम करना चाहिए और लोगों को महंगाई से छुटकारा दिलवाना चाहिए।'
फूड कंपनी ने की थी फैसले के खिलाफ अपील
आपको बता दें कि यह फैसला सितंबर में उस वक्त आया था, जब एक फूड कंपनी ने पैकेज्ड पराठों पर 18 फीसदी जीएसटी लगाए जाने के खिलाफ अपील की थी। इसके अलावा गुजरात सरकार के कई प्राधिकरणों ने भी इसी तरह का आदेश पारित किया, जिसे लेकर बड़ी संख्या में लोगों ने विरोध दर्ज कराया। अरविंद केजरीवाल इसके अलावा भी पहले कई मुद्दों को लेकर गुजरात और केंद्र की भाजपा सरकार को घेर चुके हैं।
'पराठों को रोटी की कैटेगरी में नहीं गिना जा सकता'
अपील करने वाली फूड कंपनी ने अपनी याचिका में कहा कि वो आठ तरह के पराठे बनाते हैं और इनमें मुख्य तौर पर आटे और मूली, आलू जैसी कुछ सब्जियों का इस्तेमाल होता है। कंपनी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि पिज्जा ब्रेड, रस्क और टोस्टेड ब्रेड पर 5 फीसदी जीएसटी है, जबकि पराठों पर 18 फीसदी। वहीं, फैसला सुनाते हुए गुजरात अपीलेट अथॉरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग ने कहा कि रोटी बनाने में अलग सामग्री इस्तेमाल होती है और पराठों में अलग, इसलिए पराठों को रोटी की कैटेगरी में नहीं गिना जा सकता।