महंगाई के दौर में जोखिम उठाएगी सरकार, पीएलआई का आठ और क्षेत्रों में जल्द विस्तार
नई दिल्ली।
उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना () की सफलता को देखते हुए सरकार सात से आठ और क्षेत्रों में इसका विस्तार करने की तैयारी कर रही है। इसमें खिलानौ और फर्नीचर समेत कई नई श्रेणी को शामिल किया जाएगा। सरकार का मानना है कि आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए यह मददगार साबित हो सकती है।
500 अरब डॉलर से अधिक का कारोबार
इससे पहले सरकार पीएलआई के तहत 14 ऐसी योजनाओं का ऐलान कर चुकी है, जिनको उद्योग से अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। इससे अनुमान है कि पांच वर्षों में 500 अरब डॉलर से अधिक का कारोबार होगा। सरकार ने मार्च 2020 में पहले दौर में मोबाइल और निर्दिष्ट इलेक्ट्रॉनिक घटकों, दवा और चिकित्सा उपकरणों के लिए तीन पीएलआई योजनाओं को मंजूरी दी थी। इन तीन कार्यक्रमों के लिए कुल प्रारंभिक परिव्यय पांच वर्षों में 51,311 करोड़ रुपये था। दूसरे दौर में, नवंबर 2020 में कैबिनेट द्वारा 11 अन्य योजनाओं को मंजूरी दी गई, जिसमें पांच साल की अवधि में कुल प्रारंभिक आवंटन 1.46 लाख करोड़ रुपये था। इसमें इलेक्ट्रॉनिक / प्रौद्योगिकी उत्पाद, फार्मास्यूटिकल्स, दूरसंचार और नेटवर्किंग उत्पाद, खाद्य उत्पाद, सफेद सामान, सौर मॉड्यूल, ऑटोमोबाइल और ऑटो घटक, उन्नत रसायन सेल बैटरी, कपड़ा, विशेषता स्टील और ड्रोन शामिल थे। हालांकि, बाद में पुनर्मूल्यांकन प्राथमिकताओं के आधार पर क्षेत्रवार आवंटन में बदलाव किया गया, जिससे कुछ बचत हुई।