सरकार बदली, मंत्री बदले लेकिन फाइलों में लटकी योजना, अभियान बसेरा के तहत अब तक नहीं हुआ सर्वे
पटना
राज्य में भूमिहीनों को जमीन देने के लिए चलाया जा रही अभियान बसेरा योजना की फाइल पिछले तीन-चार वर्षों से ठंडे बस्ते में पहुंच गयी है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने 2013-14 में भूमिहीन परिवारों का सर्वे कराया था, जिसमें एक लाख 29 हजार 226 परिवार चिह्नित किये गये थे। इसमें अब तक केवल 93 हजार 300 परिवारों को ही जमीन उपलब्ध कराई गई है। अब भी 36 हजार 542 परिवार भूमिहीन बचे हुए हैं। पुराने सर्वे के आधार पर ही इतने परिवारों को अब तक जमीन नहीं मिल पायी है। भूमिहीन परिवारों का सर्वे कराये 10 साल से अधिक हो गया है और इस दौरान भूमिहीन परिवारों की संख्या भी बढ़ गयी है, लेकिन सरकार और विभाग के मंत्री के बदलने के बावजूद कोई कदम नहीं उठाया गया है।
विभाग के पूर्व मंत्री ने नये सिरे से सर्वे कराने और बचे सभी भूमिहीनों को जमीन मुहैया कराने की घोषणा की थी। उनकी घोषणा जमीन पर उतर ही नहीं पायी। सरकार बदलने के साथ ही विभागीय मंत्री भी बदल गये। वर्तमान मंत्री ने भी विभाग का पदभार संभालते ही नये सिरे से भूमिहीनों का सर्वे कराने और इसकी रिपोर्ट तीन महीने में तैयार करवाने की घोषणा की थी, लेकिन दो महीने बीतने के बावजूद विभागीय स्तर पर अब तक इसकी पहल शुरू नहीं हुई है। ऑपरेशन बसेरा के तहत जहां पर रहने लायक या सरकारी जमीन उपलब्ध नहीं है, वहां सरकार को जमीन खरीद कर भूमिहीनों को मुहैया कराने का प्रावधान है।
राजस्व और भूमि सुधार विभाग के मंत्री आलोक मेहता ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि सभी जिलों में जल्द ही गैर आवासीय जमीन वाले लोगों को चिह्नित करने का निर्देश जल्द विभाग द्वारा भेजा जाएगा। जमीन चिह्नित होने के बाद भूमिहीनों को जमीन का पर्चा दिया जायेगा। साथ ही शीघ्र भूमिहीनों को 5 डिसमिल जमीन देने की प्रक्रिया शुरू होगी।