शी जिनपिंग के खिलाफ बगावत करने वाला चीन का इकलौता ‘योद्धा’ कौन है?
चीन
चीन के अंदर सरकार के खिलाफ कोई विरोध होना धरती का दुर्लभ नजारा माना जाता है और पूरी दुनिया की मीडिया चीन के एक फ्लाइओवर पर लगाए गये एक झंडे के पीछे पड़ी हुई है, क्योंकि उस झंडे में शी जिनपिंग का विरोध किया गया था। वो रहस्यमयी 'योद्धा' कौन है, जिसने शी जिनपिंग के खिलाफ पोस्टर लगाया, उसकी तलाशी के लिए चीन की पुलिस और खुफिया एजेंसियां दिन रात एक की हुई है, लेकिन चीन के अंदर और बाहर एक चीज जानने की दिलचस्पी सभी लोगों को है, और वो है, कि आखिर वो शख्स कौन है? वहीं पूरी दुनिया की सोशल मीडिया पर उस रहस्यमयी शख्स की तारीफ की जा रही है।
कैसे लगा दिया विरोध का झंडा?
चीन के उस दुर्लभ प्रदर्शनकारी ने बीजिंग के हैडियन जिले में सितोंग पुल पर चढ़ाई करने के बाद चीन की कठोर शून्य-कोविड नीति को खत्म करने और शी जिनपिंह की सत्ता को उखाड़ फेंकने का आह्वान करते हुए दो बड़े बैनर लगाए थे। हालांकि, चीन की राज्य मीडिया पर इन बैनर-पोस्टर को लेकर पूरी तरह से खामोशी है। गुरुवार की इस घटना की तस्वीरें और वीडियो व्यापक रूप से ऑनलाइन शेयर किए गये हैं, जबकि चीन की सेंसरशिप टीमें चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो और मैसेजिंग एप वीचैट पर इस तस्वीर को तेजी से हटाने की कोशिश की जा रही है। हालांकि, चीन में भी ये तस्वीर अब ज्यादातर लोगों के पास पहुंच चुकी है। गुरुवार को बैनर के साथ ये दुर्लभ विरोध चीन की कम्युनिस्ट पार्टी कांग्रेस की होने वाली बैठक से ठीक पहले किया गया, जब बैठक में शी जिनपिंग को तीसरी बार चीन की सत्ता सौंपा जाना है। बैनर लगाने वाले शख्स ने कार के टायरों में आग लगा दी और उसे लाउडहेलर में नारे लगाते हुए सुना गया। वहीं, रिपोर्ट्स में कहा गया है कि, विरोध के सिलसिले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। घटना की तस्वीरों में पुलिस अधिकारी उस व्यक्ति के आस-पास दिखाई दे रहे थे, जिसने पीली टोपी और नारंगी रंग का कपड़ा पहन रखा था।
23 पन्नों का विरोध दस्तावेज
बीबीसी ने स्थानीय पुलिस से टिप्पणी मांगी है। वहीं, कई लोगों ने विरोध प्रदर्शन करने वाले शख्स के कार्यों की प्रशंसा की, उन्हें "नायक" कहा है। वहीं, चीन ने उस सख्स को नया "नया टैंक मैन" के रूप में संदर्भित किया जा रहा है। आपको बता दें कि, चीन में टैक मैन उस अज्ञात चीनी शख्स को कहा जाता है, जो 1989 के तियानमेन विरोध के दौरान टैंकों के सामने अकेला खड़ा था। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, ऑनलाइन जासूसों ने उत्तरी प्रांत हेइलोंगजियांग के एक गांव के रहने वाले एक चीनी शोधकर्ता और भौतिक विज्ञानी पर ध्यान केंद्रित करते हुए उस व्यक्ति का पता लगाने का प्रयास किया है। गांव के अधिकारियों के साथ बीबीसी फैक्ट चेक ने पुष्टि की है, कि उस नाम का एक व्यक्ति वहां रहता था। उन्होंने लोकप्रिय शोध साइट रिसर्चगेट पर घोषणापत्र के रूप में पोस्ट किया था। इसे बाद में हटा लिया गया था, हालांकि तब तक उसकी प्रतियां डॉनलोड की जा चुकी थी। 23 पन्नों के दस्तावेज में उन्होंने हड़ताल और सविनय अवज्ञा आंदोलन करने का आह्वान किया था। जिसमें कोविड लॉकडाउन को तोड़ना भी शामिल है। इसके साथ ही उन्होंने "तानाशाह शी जिनपिंग को अवैध रूप से पद पर बने रहने से रोकना है, ताकि चीन लोकतंत्र और स्वतंत्रता की राह पर चल सके" इस बात का जिक्र किया है।
चीन के लोग बता रहे हीरो
कुछ चीनी लोग उस शख्स के कथित दो ट्विटर अकाउंट पर जमा होने लगे और लोग उन्हें ऐसा करने के लिए बधाई दे रहे हैं और आभारी संदेश लिख रहे हैं। एक व्यक्ति ने लिखा है कि, "आप एक नायक हैं और आपके लिए मेरा काफी सम्मान है।" जबकि दूसरे ने लिखा, "लोगों के नायक को सलाम! आशा है कि आप सुरक्षित रूप से वापस आ सकते हैं!" उस व्यक्ति का नाम विरोध से संबंधित सामग्री में शामिल है जिसे ऑनलाइन सेंसर किया गया है। शुक्रवार की सुबह तक चीनी सोशल मीडिया साइट वीबो पर इस घटना का कोई संदर्भ नहीं मिला। वीबो से "हैडियन", "बीजिंग प्रोटेक्टर" और "सिटोंग ब्रिज" सहित विरोध और संबंधित कीवर्ड के फुटेज और तस्वीरें जल्दी से साफ की जा चुकीं थीं। हालांकि चीनी मीडिया ने इस घटना पर कोई रिपोर्ट नहीं की है। ग्लोबल टाइम्स के पूर्व संपादक हू ज़िजिन ने गुरुवार शाम को ट्वीट करते हुए लिखा कि, चीनी लोगों के "विशाल बहुमत" ने कम्युनिस्ट पार्टी के शासन का समर्थन किया और "स्थिरता की उम्मीद और उथल-पुथल का विरोध" किया है।