बाइडेन की पाक को बड़ी फटकार ,बताया पाकिस्तान है दुनिया का सबसे खतरनाक देश है
न्यूयोर्क
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने दुनिया के सामने पाकिस्तान का चेहरा बेनकाब किया है। बाइडेन ने पाकिस्तान को दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक कहा। बाइडेन ने यह टिप्पणी परमाणु हथियारों के भंडारण को लेकर कही। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में सेना और सरकार के बीच तालमेल नहीं है। इसलिए दुनिया के लिए यह बड़ा खतरा हो सकता है।
डेमेक्रेटिक कांफ्रेंस के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पाकिस्तान को लताड़ा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक है। वो इसलिए क्योंकि वह परमाणु हथियारों का भंडारण कर रहा है। वहां सेना और सरकार के बीच तालमेल नहीं है।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा, ‘दुनिया तेजी से बदल रही है और देश अपने गठबंधनों पर पुनर्विचार कर रहे हैं. और इस मामले की सच्चाई यह है- मैं वास्तव में इस पर विश्वास करता हूं- कि दुनिया हमारी ओर देख रही है. मजाक नहीं है. यहां तक कि हमारे दुश्मन भी यह पता लगाने के लिए हमारी ओर देख रहे हैं कि हम इसको परिस्थिति को कैसे संभालते हैं, क्या करते हैं. बहुत कुछ दांव पर लगा है.’ जो बाइडेन ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि अमेरिका के पास दुनिया को उस स्थान पर ले जाने की क्षमता है, जो पहले कभी नहीं हुआ है.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘क्या आप में से किसी ने कभी सोचा था कि क्यूबा मिसाइल संकट के बाद एक रूसी नेता आएगा, जो सामरिक परमाणु हथियारों के उपयोग की धमकी देगा- तीन, चार हजार लोगों को मार सकता है और इसे जायज ठहरा सकता है? क्या किसी ने सोचा था कि हम ऐसी स्थिति में होंगे जहां चीन, रूस, भारत और पाकिस्तान के सापेक्ष अपनी भूमिका का पता लगाने की कोशिश कर रहा है?’ अपने चीनी समकक्ष शी जिनपिंग के बारे में बात करते हुए, अमेरिकी राष्ट्रपति ने उन्हें एक ऐसा व्यक्ति बताया, जो जानता था कि वह क्या चाहता है, लेकिन उसके समक्ष समस्याओं की एक ‘विशाल’ श्रृंखला थी. बाइडेन ने कहा, ‘रूस में जो हो रहा है, हम उसको कैसे संभालेंगे? और मुझे लगता है कि शायद दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक है, पाकिस्तान, जो बिना किसी सामंजस्य के परमाणु हथियार संपन्न राष्ट्र है.’
इस सप्ताह की शुरुआत में, यह सामने आया कि पाकिस्तान, जो कभी वाशिंगटन डीसी का एक प्रमुख सहयोगी था, अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति 2022 में उसका उल्लेख भी नहीं किया गया था. इसमें चीन को अमेरिका का ‘सबसे परिणामी भू-राजनीतिक चुनौती’ बताया गया. इस 48-पृष्ठ के दस्तावेज में दक्षिण और मध्य एशियाई क्षेत्र में आतंकवाद और अन्य भू-रणनीतिक खतरों का उल्लेख है, लेकिन हाल के दिनों के विपरीत, यह पाकिस्तान को उन खतरों से निपटने के लिए आवश्यक सहयोगी के रूप में उल्लेखित नहीं करता है. पाकिस्तान 2021 के रणनीति पत्र से भी नदारद था. इसे जो बाइडेन के नेतृत्व वाले प्रशासन की ओर से पाकिस्तान के साथ एक अलग अमेरिकी संबंध बनाने की पारस्परिक इच्छा को प्रतिबिंबित करने के रूप में देखा जा रहा है.
अमेरिका के बयान में विरोधाभास
एक तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन पाकिस्तान के खिलाफ बयान दे रहे हैं। दूसरी तरफ हथियारों की सप्लाई लगातार जारी रखे हुए है। सैन्य मदद के अलावा अमेरिका पाकिस्तान को आर्थिक मदद और आईएमएफ में बैकडोर से मदद कर रहा है।