हिमाचल चुनाव:संघ ने हिंदू वोट को संगठित करने का अभियान शुरू किया
शिमला
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव की घोषणा हो गई है। 12 नवंबर को वोट डाले जाएंगे, जबकि आठ दिसंबर को नतीजे घोषित होंगे। राज्य की सत्ता पर दोबारा काबिज होने के लिए भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी मैदान संभाल लिया है। संघ ने छह माह पहले ही पूरे प्रदेश में अपने स्तर पर प्रचार अभियान शुरू कर दिया था। इसमें सबसे अहम कार्यक्रम मुस्लिम आबादी वाले क्षेत्रों में हिंदू वोट को संगठित करने का है। वहीं, संघ ने अपने पदाधिकारियों को भी साफ हिदायत दी है कि वे चुनाव के दौरान आपसी मनमुटाव छोड़कर मैदान में उतर जाएं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े सूत्रों को कहा कि लोक जागरण मंच और जागरूक मतदाता मंच ने अपने विशेष कार्यक्रम में 25 से ज्यादा अहम मुद्दों को कवर किया है। इसके लिए एक विशेष पर्चा भी छपवाया गया है, जिसे संघ के कार्यकर्ता लोगों तक पहुंच रहे हैं। इनमें राममंदिर का निर्माण, महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने वालों को वोट देने की बात कही गई थी। इसके अलावा अपराधियों को जेल में डालने और धर्मांतरण के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने वाले दल को वोट देने जैसे अपील भी की गई है। जम्मू-कश्मीर से धारा 370 और आर्टिकल 35-ए हटाने वालों को मतदान करने जैसी अपील भी इसमें नजर आ रही है।
राष्ट्र के नाम वोट करने की अपील
हिमाचल प्रदेश के एक वरिष्ठ प्रचारक चर्चा में कहते हैं कि हम लोगों से मुद्दों को ध्यान में रख कर वोट करने की अपील कर रहे हैं। हालांकि इस दौरान हम किसी पार्टी का नाम नहीं ले रहे हैं। बस, लोगों से चर्चा में इतना कह रहे हैं कि इस बार वोट 'राष्ट्र के नाम पर' और मतदाता समझ जाते हैं। जल्द ही स्वयंसेवक लोगों के घर जाकर वोट करने की अपील भी करेंगे। क्योंकि आमतौर पर हिंदू मतदाता देर से मतदान के लिए निकलते हैं और कभी-कभी वोट करना भूल भी जाते हैं। इसलिए हम चाहते थे कि प्रदेश का हर हिंदू वोट करने जाए और जल्द से जल्द जाए।
डिजिटल प्रचार-प्रसार बढ़ाया
संघ से जुड़े सूत्र ने कहा, विधानसभा चुनावों को देखते हुए संघ ने अपना डिजिटल प्रचार प्रसार बढ़ा दिया है। प्रचार के दौरान उन विधानसभा क्षेत्रों पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है जहां मुस्लिम आबादी 30 फीसदी से अधिक है और हिंदू वोट संगठित हैं। राष्ट्रीय विचार परिषद के बैनर तले छोटे बड़े कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। लेकिन इस तरह के कार्यक्रमों मंच पर भाजपा के लोगों को नहीं बुलाया जा रहा है।
आरएसएस ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, विश्व हिंदू परिषद, हिंदू जागरण मंच, सेवा भारती, विद्या भारती, वनवासी कल्याण, शैक्षिक महासंघ, सहकार भारती, भारतीय किसान संघ, स्वदेशी जागरण मंच, दुर्गा वाहिनी, राष्ट्र सेविका समिति को होली के बाद से ही बूथ स्तर तक सक्रिय कर दिया गया था। दलित वर्ग को साधने के लिए समन्वयक बनाए गए थे, जो दलित बस्तियों में जा रहे थे। वहीं एबीवीपी की ओर से भी युवाओं के बीच अभियान चलाया रहा है।