चीन पर आजीवन राज करेंगे शी जिनपिंग? कम्युनिस्ट पार्टी की अहम कांग्रेस का आगाज, दुनिया भर की टिकीं निगाहें
बीजिंग
चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने राष्ट्रपति शी चिनफिंग के लिए रिकॉर्ड तीसरे कार्यकाल पर मुहर लगाने के मकसद से बैठक का आगाज कर दिया है। यह कांग्रेस सेशन पांच साल में एक बार आयोजित किया जाता है जो हफ्ते भर चलता है। चीन में बीते तीन दशक से यह परंपरा देखी गई है कि टॉप लीडर अपने पद से 10 साल बाद हट जाता है। हालांकि, इस बार यह रिवाज टूटना तय माना जा रहा है। मीटिंग में जिनपिंग को बतौर राष्ट्रपति तीसरा कार्यकाल देने पर सहमति बनने की पूरी उम्मीद है। 69 वर्षीय राष्ट्रपति जिनपिंग को छोड़कर इस हफ्ते चीनी लीडरशिप में बड़ा फेरबदल होने वाला है। नंबर 2 माने जाने वाले ली केकियांग सहित सभी शीर्ष अधिकारियों को हटाया जा सकता है। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (CPC) की 20वीं राष्ट्रीय कांग्रेस में 2,296 'निर्वाचित' प्रतिनिधि बंद दरवाजे में बैठक में भाग लेंगे। 16 अक्टूबर से शुरू हुई यह बैठक 22 अक्टूबर तक चलेगी।
बैठक से पहले बीजिंग में विरोध-प्रदर्शन
बैठक से पहले बीजिंग को लोगों के दुर्लभ विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ा है, जिसमें शून्य कोविड नीति के तहत शहरों में बार-बार लॉकडाउन लगाने की आलोचना की गई। लॉकडाउन लगाने और कोरोना नियंत्रण के सख्त उपायों के चलते अर्थव्यवस्था में सुस्ती और बेरोजगारी में बढ़ोतरी देखने को मिली है। हालांकि, कम्युनिस्ट पार्टी ने अपनी 'शून्य-कोविड' नीति का बचाव किया और इसे वापस लेने से इनकार कर दिया है। पार्टी ने इन उपायों को अत्यधिक किफायती बताते हुए कहा कि कोरोना वायरस का अब भी मौजूद होना एक वास्तविकता है। सीपीसी के प्रवक्ता सुन येली ने कहा कि कोविड-19 से निपटने के लिए चीन की ओर से किए गए उपाय ने देश हित में अच्छा काम किया। उन्होंने कहा कि शून्य कोविड नीति एक विज्ञान आधारित नीति है। कोविड ने दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं को भारी नुकसान पहुंचाया है। वायरस अभी भी मौजूद है जो एक सच्चाई है।
राष्ट्रपति जिनपिंग 'चेयरमैन' को दर्जा मिलने की चर्चा
खबरें ये भी हैं कि कम्युनिस्ट पार्टी की आगामी नेशनल कांग्रेस में राष्ट्रपति शी 'चेयरमैन' का दर्जा हासिल कर सकते हैं। खास बात है कि यही दर्जा माओ का भी था। इधर, जानकारी शी के काल में मानवाधिकार को लेकर चिंता जाहिर कर रहे हैं। अगर शी 'चेयरमैन' बन जाते हैं, तो वह पूरे जीवन चीन पर न केवल राज करेंगे, बल्कि उनकी शक्तियों में काफी इजाफा हो जाएगा। कहा जा रहा है कि अनिश्चित ताकत माओ के युग की राजनीतिक हिंसा की वापसी भी कर सकती है।