मल्लिकार्जुन खड़गे या शशि थरूर? कांग्रेस अध्यक्ष के लिए आज 6ठी बार होगा चुनाव, राहुल कर्नाटक में डालेंगे वोट
नई दिल्ली
कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए सोमवार को यानी आज वोट डालेंगे। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और भारत जोड़ो यात्रा में हिस्सा ले रहे कई डेलीगेट कर्नाटक के बेल्लारी के संगनाकुल्लू कैंप में मतदान करेंगे। वहीं, पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य पार्टी मुख्यालय में बने पोलिंग बूथ में मतदान करेंगे। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा कि राहुल गांधी सहित करीब 40 अन्य भारत यात्रियों के साथ संगनाकल्लू कैप में मतदान करेंगे। उन्होंने कहा कि 17 अक्तूबर को भारत जोड़ो यात्रा के लिए विश्राम का दिन होगा। ताकि, यात्रा में हिस्सा ले रहे लोग अपना वोट डाल सके।
अध्यक्ष पद के चुनाव की जिम्मेदारी संभाल रहे केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री ने कहा कि एआईसीसी में भी एक बूथ बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नेताओं, सीडब्ल्यूसी के सदस्य और अन्य प्रदेश के नेताओं के पहचान पत्र अलग-अलग राज्य से हैं। यह सभी डेलीगेट एआईसीसी में आकर मतदान कर सकते हैं।
थरूर के ऐतराज पर बदलाव
कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में उम्मीदवार शशि थरूर की टीम ने केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री से मुलाकात कर मतपत्र में अपनी पसंद के उम्मीदवार के सामने एक और दो लिखने के लिए कहा गया था। दरअसल, मतपत्र में मल्लिकार्जुन खड़गे के सामने एक और शशि थरूर के नाम के सामने दो लिखने के लिए कहा गया था। थरूर की टीम की तरफ से उठाए इस ऐतराज के बाद मतपत्र पर टिक का निशान लगाने के निर्देश दिए हैं।
छठी बार चुनाव
कांग्रेस के 137 साल के इतिहास में छठी बार अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हो रहा है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश के मुताबिक, अध्यक्ष पद के लिए अब तक 1939, 1950, 1977, 1997 और 2000 में चुनाव हुए हैं। पूरे 22 वर्षों के बाद फिर इस बार फिर अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हो रहा है।
>> वर्ष 1939 में पी. सीतारमैया और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के बीच मुकाबला हुआ। इसमें नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जीत हुई थी।
>> 1950 में पुरुषोत्तम दास टंडन और आचार्य कृपलानी के बीच मुकाबला हुआ। इसमें टंडन की जीत हुई थी।
>> वर्ष 1977 में देवकांत बारुआ के त्यागपत्र के बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव हुआ था। इस चुनाव में के ब्रह्मानंद रेड्डी ने सिद्धार्थ शंकर रे और डॉ़ कर्ण सिंह को शिकस्त दी थी। बीस साल बाद फिर अध्यक्ष पद के लिए एक से ज्यादा उम्मीदवार थे।
>> वर्ष 1997 में सीताराम केसरी, शरद पवार और राजेश पायलट के बीच चुनाव हुआ था। इसमें सीताराम केसरी की जीत हुई थी।
>> वर्ष 2000 में हुए विधानसभा चुनाव में भी दो उम्मीदवार थे। सोनिया गांधी और जितेंद्र प्रसाद के बीच हुए इस मुकाबले में सोनिया गांधी की जीत हुई थी।