November 25, 2024

सरकार ने बंद की कोविड टीकों की खरीदारी, बचे हुए 4237 करोड़ रुपए वित्त मंत्रालय को वापस

0

 नई दिल्ली
कोरोना वायरस के कम होते मामले और टीका लगवाने वाले लोगों में कमी को देखते हुए केंद्र सरकार अब से और कोविड-19 टीकों की खरीदी नहीं करेगी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने साल टीकों की खरीदारी के लिए आवंटित 4237 करोड़ रुपए (वर्ष 2022-23 में टीककरण के लिए आवंटित बजट का करीब 85 फीसदी) वित्त मंत्रालय को वापस कर दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक, 1.8 करोड़ से अधिक टीके की खुराकें अभी भी केंद्र और सरकार के स्टोरेज हाउस में मौजूद हैं, जो कि अगले छह महीने तक टीकाकरण अभियान चलाने के लिहाज से पर्याप्त हैं।

सूत्रों ने कहा कि कोविड-19 के मामले घटने के कारण टीका लगवाने वाले लोगों की संख्या में कमी आई है। यदि सरकार के पास टीका खत्म हो जाता है, तो भी यह बाजार में उपलब्ध होगा। एक अधिकारी ने कहा, 'छह महीने बाद कोई निर्णय लिया जाएगा कि टीकों की खरीद सरकारी माध्यम से की जाए या इस उद्देश्य के लिए बजट आवंटित किया जाए, लेकिन यह निर्भर करेगा कि उस समय देश में कोरोना वायरस की स्थिति क्या है।'

मुफ्त में बूस्टर डोज के लिए चलाया गया था अभियान

पिछले साल 16 जनवरी से शुरू हुए देशव्यापी टीकाकरण अभियान के दौरान केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की सहायता के लिए उन्हें कोविड-19 टीके मुफ्त में मुहैया कराए। सरकार ने सभी वयस्कों को मुफ्त में बूस्टर खुराक देने के लिए अमृत महोत्सव नाम से 75 दिवसीय कोविड टीकाकरण अभियान चलाया, लेकिन टीके की अधिक मांग नहीं दिखी। सूत्रों ने कहा, 'इसे ध्यान में रखकर और भंडारित टीकों के खराब (एक्सपायर) होने की तिथि पास आता देख, अब से और टीका नहीं खरीदने का निर्णय लिया गया।

92 फीसदी लोगों का पूर्ण टीकाकरण

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने साल 2022-23 में टीकाकरण के लिए आवंटित 5000 करोड़ रुपए की कुल बजट राशि में बचे 4237.14 करोड़ रुपए वित्त मंत्रालय को वापस कर दिए। रविवार सुबह सात बजे तक देश में लोगों को लगाई गई टीके की खुराक की संख्या 219.32 करोड़ के आंकड़े को पार कर गई। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि देश की 98 फीसदी वयस्क आबादी कोविड-19 टीके की कम से कम एक खुराक लगवा चुकी है, जबकि 92 फीसदी लोगों का पूर्ण टीकाकरण हो चुका है।

15 से 18 साल के 83.7 फीसदी किशोरों को लग चुकी है एक खुराक

इसके अलावा देश के 15 से 18 साल के 83.7 फीसदी किशोरों को भी टीके की एक खुराक लग चुकी है, जबकि 72 फीसदी किशोर दोनों खुराक लगवा चुके हैं। किशोरों को टीके लगवाने की शुरुआत तीन जनवरी को हुई थी। 12 से 14 वर्ष के वर्ग में 87.3 फीसदी लोगों को पहली खुराक लग चुकी है, जबकि 68.1 फीसदी को टीके की दोनों खुराकें लग चुकी हैं। 18 वर्ष और इससे अधिक उम्र के पात्र लोगों में से 27 फीसदी लोग बूस्टर खुराक लगवा चुके हैं।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *