गुरुग्राम यूनिवर्सिटी कैंपस के फुटबाल मैदान पर नमाज पढ़ने को लेकर नाइजीरियन छात्रों से विवाद
गुरुग्राम
शहर के एक निजी विश्वविद्यालय के करीब 60 नाइजीरियाई छात्रों ने परिसर छोड़ दिया है। छात्रों का आरोप है कि भारतीय छात्रों ने पिटाई करने के साथ ही हमारे साथ गलत व्यवहार किया। पूरा विवाद नमाज पढ़ने की जगह को लेकर शुरू हुआ। जिसके बाद फुटबाल के मैदान में मारपीट हो गई। जीडी गोयनका विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रहे नाइजीरियन छात्रों का कहना है कि हमें अपनी जान को लेकर खतरा सता रहा है। फिलहाल हम बचने के लिए दिल्ली के अलग-अलग जगहों पर रह रहे हैं। विदेशी छात्रों के मुताबिक उन्होंने नाइजीरियाई दूतावास से दखल देने की मांग की है।
भारतीय छात्रों ने नाइजीरियाई छात्रों के नमाज पढ़ने की जगह को लेकर एतराज जताया था। दरअसल फुटबाल मैदान पर नमाज पढ़ने को लेकर विवाद खड़ा हुआ था। जिसको लेकर प्रदर्शनकारी छात्रों ने रजिस्ट्रार के पास शिकायत दर्ज कराई थी। अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा था कि नाइजीरियाई केवल अपने छात्रावास के कमरों में ही नमाज अदा करें। पुलिस और विश्वविद्यालय ने तब कहा था कि "जय श्री राम" के नारे लगाने वाले मामले को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझा लिया गया था। हालांकि, पुलिस और विश्वविद्यालय प्रबंधन दोनों ने कहा कि एक महीने पहले नमाज के विरोध में फुटबॉल मैदान का कोई लेना-देना नहीं था।
नाइजीरियाई छात्र खलील के मुताबिक शुक्रवार को उस समय बवाल खड़ा हो गया। जब विश्वविद्यालय ने भारतीय और नाइजीरियाई दोनों छात्रों को एक टीम में रखने का फैसला किया। छात्र ने बताया कि हमारे कप्तान ने खेल अधिकारी के साथ बात की और एक 'मिश्रित टीम' के खिलाफ अपनी आपत्तियों को रखा। इसके बाद अधिकारी ने मैच को रद्द करने का फैसला किया। इसके बावजूद कुछ भारतीय छात्र मैदान में प्रवेश कर गए और इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता, उन लोगों ने हमारी पिटाई कर दी। हमारे सहयोगी टीओआई से बातचीत में छात्र ने बताया कि हमारे कप्तान के सिर पर लोहे की रॉड भी वार किया गया था। उस दिन बाइक पर सवार होकर कई सारे बाहरी लोग भी उनके साथ आए थे। लेकिन उस दिन मामले को आपसी सहमति से सुलझा लिया गया था।
खलील ने आरोप लगाया कि भारतीय छात्रों के एक समूह ने अगले दिन (शनिवार) छात्रावास में उन पर हमला किया। पीड़ित के मुताबिक, "उन्होंने गालियां दीं और हमें गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी। हम यहां कुल 63 नाइजीरियाई हैं। हमने फिलहाल कैंपस छोड़ दिया है और दिल्ली में रह रहे हैं।" दूसरी ओर, भारतीय छात्रों ने आरोप लगाया कि उन पर नाइजीरियाई लोगों के एक समूह ने हमला किया था। फार्मेसी के छात्र सुल्तान खान ने आरोप लगाया कि वह शनिवार को परिसर में घूम रहे थे, जब 4-5 नाइजीरियाई लोगों ने अपशब्दों का इस्तेमाल किया।
पुलिस में शिकायत दर्ज कराने वाले सुल्तान ने कहा, "वे मुझ पर वार करते रहे। मेरे दोस्त मेरे बचाव में आए, लेकिन उन्हें भी लाठियों और डंडों से पीटा गया।" दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ सोहना सिटी थाने में शिकायत दर्ज कराई है। जिसके बाद पुलिस ने क्रॉस एफआईआर दर्ज की है। आईपीसी की धारा 323 , 34 और 506 के तहत मामले दर्ज किए गए हैं।
एसीपी (दक्षिण) उपासना के मुताबिक "कोई बड़ी घटना नहीं थी। एक फुटबॉल मैच के दौरान दोनों समूहों के बीच बहस हुई, जो लड़ाई में बदल गई। हमें दोनों पक्षों से शिकायतें मिली हैं और क्रॉस-एफआईआर दर्ज की गई हैं। हम सीसीटीवी फुटेज खंगाल रहे हैं और तथ्य के मुताबिक ही कार्रवाई करेंगे," । वहीं विश्वविद्यालय प्रबंधन का कहना है कि कोई भी छात्र परिसर से बाहर नहीं गया है। उन्होंने कहा कि शुक्रवार के मैच के दौरान हंगामे में कथित संलिप्तता के लिए 10 छात्रों को निलंबित कर दिया गया था।