ग्वालियर स्टेशन के पुनर्विकास परियोजना के लिए 534 करोड़ स्वीकृत
ग्वालियर
ग्वालियर शहर को एक और नई सौगात मिली है। बहुप्रतीक्षित रेलवे स्टेशन पुनर्विकास परियोजना के लिए रेलवे बोर्ड ने 534.70 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत कर दी है। राशि स्वीकृत होने के साथ ही अब निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा, क्योंकि प्रयागराज स्थिति जोनल मुख्यालय में टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। सिर्फ बोर्ड से पैसे मिलने का इंतजार किया जा रहा था। हालांकि जोनल स्तर पर चल रही टेंडर प्रक्रिया में 460 से 470 करोड़ रुपए के बीच में यह कार्य होने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में पुनर्विकास की राशि तभी तय होगी, जब टेंडर प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
ग्वालियर स्टेशन के पुनर्विकास की प्रक्रिया धरातल पर वर्ष 2019 से शुरू की गई थी। तमाम अड़चनों के बाद जोनल रेलवे को स्टेशन पुनर्विकास की जिम्मेदारी दी गई थी। जोनल स्तर पर गत जुलाई माह में टेंडर प्रक्रिया भी कर ली गई थी, लेकिन रेलवे बोर्ड से राशि स्वीकृत नहीं होने के कारण मौके पर काम शुरू नहीं हो पा रहा था। गत शनिवार को रेलवे बोर्ड के डायरेक्टर स्टेशन डेवलपमेंट ओएमएच मेहर ने पत्र जारी कर 534.70 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की है। अब इस राशि से रेलवे स्टेशन का विकास एयरपोर्ट की तर्ज पर किया जाएगा है। इसमें कोनकोर्स एरिया 90 मीटर का तैयार किया जाएगा। इसके अलावा स्टेशन पर प्रवेश व निकास के लिए दो अलग-अलग भव्य द्वारों का निर्माण कराया जाएगा। स्टेशन की छत को बादलों जैसा तैयार किया जाएगा। आसमान की तरफ देखने पर जिस तरह से कुछ बादल पास नजर आते हैं और कुछ दूर। इसी तरह से छत की डिजाइन भी होगी, जिससे यात्रियों का प्राकृतिक अहसास होगा।
ऐसे होगा काम-
- -418 करोड़ 47 लाख 67 हजार रुपए की लागत से स्टेशन की इमारत का काम कराया जाएगा।
- -4.18 करोड़ रुपए ग्रीन बिल्डिंग पर खर्च होंगे।
- -2.09 करोड़ रुपए आर्ट वर्क पर खर्च किए जाएंगे।
- -4.18 करोड़ रुपए से डिटेल डिजाइनिंग का प्रविधान है।
- -2.50 करोड़ रुपए की लागत का फर्नीचर लगाया जाएगा।
- -5.80 करोड़ रुपए हेरिटेज लुक, नवीनीकरण, फसाड लाइटों, सार्वजनिक सुविधाओं पर खर्च होंगे।
- -1.50 करोड़ रुपए से ओएचई लाइन और विद्युत कर्षण वितरण के कार्य होंगे।
- -17.90 करोड़ रुपए की लागत से दो फुटओवर ब्रिज तैयार किए जाएंगे।
- -4.18 करोड़ रुपए आकस्मिक व्यय के लिए रखे गए हैं।
- -15 करोड़ रुपए की लागत से 33 केवी सब स्टेशन का निर्माण कर कनेक्शन आदि कार्य किए जाएंगे।
- -10 करोड़ रुपए सिग्नल एंड टेलीकाम की केबलिंग और कर्षण वितरण सामग्री पर खर्च किए जाएंगे। यह सामग्री रेलवे देगी, लेकिन उसका पैसा ठेकेदार से लेगी।
- -51.37 करोड़ रुपए का प्रविधान रेलवे ने डीएंडजी चार्जेस के लिए किया है।
-ढाई करोड़ रुपए का बिकेगा मलबा-
इस पूरे काम में रेलवे की जो सामग्री या मलबा बिकेगा, उससे ढाई करोड़ रुपए का राजस्व मिलने का अनुमान लगाया गया है। इसे सीआरआरएम (क्रेडिट फार रेलवे रिलीज्ड मटेरियल) कहा जाता है। ऐसे में पूरी लागत में ढाई करोड़ रुपए रेलवे ने कम किए हैं।