मप्र बीजेपी का मुख्य चेहरा बने सिंधिया, गुजरात चुनाव में मिलेगी बढ़ी जिम्मेदारी
भोपल
कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थामने वाले केंद्रीय नागरिक उड्डयन और इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का बीजेपी में कद धीरे-धीरे बढ़ रहा है, तो वहीं उनकी संगठन और राष्ट्रीय स्वयंसेवक से नजदीकी भी बढ़ रही है. मध्य प्रदेश की राजनीति में बड़ा बदलाव लाने का काम ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में हुआ था. सिंधिया ने कांग्रेस का दामन छोड़ कर बीजेपी का दामन थामा तो राज्य की कमल नाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिर गई. बीजेपी की सत्ता में वापसी हुई और उसके बाद सिंधिया का सियासी कद पार्टी में धीरे-धीरे बढ़ने लगा.
कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए सिंधिया को शुरूआती तौर पर बड़ी जिम्मेदारी नहीं मिली, तो कांग्रेस ने जमकर चुटकी ली, मगर वक्त गुजरने के साथ सिंधिया की बीजेपी में हैसियत बढ़ती गई. एक तरफ जहां उनके समर्थकों को शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली सरकार में बड़ी जिम्मेदारियां मिली हैं . तो संगठन में भी उनसे जुड़े लोगों को महत्व दिया गया है. इतना ही नहीं सिंधिया को पहले नागरिक उड्डयन मंत्रालय दिया गया. उसके बाद इस्पात मंत्रालय की जिम्मेदारी भी उन्हें सौंपी गई है. सिंधिया की एक तरफ जहां संगठन और सत्ता से जुड़े प्रमुख लोगों से नजदीकियां बढ़ रही हैं तो दूसरी ओर वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के करीब भी पहुंच रहे हैं. उनके लगातार संघ कार्यालयों के दौरे हुए तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के प्रवासों के दौरान उन का बढ़ता प्रभाव भी नजर आया.
गुजरात विधानसभा चुनाव सिंधिया को बड़ी जिम्मेदारी भी सौंप सकती है बीजेपी
बीते रोज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का जय विलास पैलेस में जाकर 'गाथा स्वराज की' गैलरी का शुभारंभ करना नए संकेत दे रहा है. संभवत: अमित शाह बीजेपी के राष्ट्रीय स्तर के पहले ऐसे नेता हैं जिनका जय विलास पैलेस जाना हुआ है. अमित शाह के इस प्रवास के जरिए सिंधिया ने अपनी ताकत का भी प्रदर्शन किया. सूत्रों का कहना है कि आगामी समय में गुजरात के विधानसभा चुनाव होने वाले है और बीजेपी सिंधिया का वहां प्रचार में बड़ी जिम्मेदारी भी सौंप सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि सिंधिया की परिवार से जुड़े कई राजघरानों का वहां प्रभाव है.
पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उज्जैन प्रवास हुआ और उन्होंने वहां महाकाल लोक का लोकार्पण किया. प्रधानमंत्री के इस प्रवास को लेकर दिग्विजय सिंह ने एक ट्वीट को रिट्वीट करते हुए तंज कसा था. जिसमें दो दृश्य थे जिनमें एक में महाकाल के गर्भ गृह में राहुल गांधी के साथ सिंधिया पूजा कर रहे थे. तो दूसरे दृश्य में प्रधानमंत्री मोदी महाकाल की पूजा कर रहे थे और सिंधिया गर्भगृह के बाहर बैठे थे. जिसे उन्होंने रिट्वीट किया था. उसमें लिखा था महाराज लापता हो गए देखते देखते.
बढ़ सकती है सिंधिया की सियासी हैसियत
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया का राजनीतिक कद बीजेपीमें धीरे-धीरे बढ़ रहा है और उन्हें राष्ट्रीय नेतृत्व भी पर्याप्त अहमियत दे रहा है, वहीं दूसरी ओर सिंधिया भी बीजेपी के अनुरूप अपने को ढाल रहे हैं. राज्य की राजनीति में सिंधिया बीजेपी का एक बड़ा चेहरा बन रहे हैं और आने वाले दिनों में उनकी सियासी हैसियत भी बढ़ने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता.