सुतली बम बैन, पटाखों की ये 100 वेरायटी भी नहीं मिलेगी
भोपाल
कई लोगों, खासकर युवाओं के लिए दिवाली का मतलब पटाखे चलाना ही होता है. रंग—बिरंगी चकरियां, अनार से लेकर तेज आवाज वाले बम फोड़ने का अलग ही मजा है हालांकि पटाखों पर अब कई तरह की लगाम लग गई है. पटाखों के लिए समय निर्धारित कर दिया गया है और कई प्रकार के पटाखे बैन भी कर दिए गए हैं. इनमें युवाओं की पहली पसंद सुतली बम भी शामिल हैं. इसके बावजूद भी युवाओं में पटाखा के लिए अलग क्रेज नजर आ रहा है. पटाखा कारोबारियों में भी व्यवसाय को लेकर उत्साह और उम्मीद दिख रही है. व्यापारियों ने बताया कि इस बार तमिलनाडु के शिवकाशी से 100 से अधिक तरह के पटाखे नहीं आए हैं. फैक्ट्री संचालकों ने ये पटाखे बनाए ही नहीं हैं। दरअसल बैन के कारण बेरियम से जुड़े पटाखे बनाना बंद कर दिए गए हैं. पटाखों की जो 100 वेरायटियां नहीं आ रहीं हैं वे बेरियम की ही थीं. लेकिन बाजार में तेज आवाज के पटाखे मौजूद हैं जिसमें तेज रोशनी भी होती है। कारोबारियों को उम्मीद है कि इस बार भी कम से कम 10 करोड़ का कारोबार होगा। इस बीच पटाखों को लेकर सोमवार को एडीएम दिलीप कुमार यादव ने पटाखा कारोबारियों के साथ कलेक्टोरेट में बैठक कर सख्त निर्देश दिए कि तेज आवाज करने वाले सुतली बम दुकानों से नहीं बेचे जाएं। दुकानदारों से कहा है कि वे आगजनी से निपटने के पूरे इंतजाम कर लें, इसके बाद ही दुकान लगाएं। जल्द ही जिला प्रशासन और प्रदूषण विभाग की टीमें दुकानों पर जाकर पटाखों के सैंपल लेंगीं। आपको बता दें कि इस बार 932 से ज्यादा पटाखों की रिटेल दुकानें लगाई जा रही हैं। लिली टॉकीज, कोलार, जंबूरी मैदान, बैरागढ़ में पटाखों के अस्थाई बाजार लगाए जाएंगे। जहां पर करीब 932 पटाखा दुकानें लगेंगी। इधर शहर के हलालपुर स्थित पटाखा बाजार में होलसेल की 14 दुकानें हैं। इस बार यहां पर करीब 10 करोड़ से ज्यादा के पटाखे का स्टॉक आ चुके हैं। भोपाल में इस बार करीब 932 से ज्यादा रिटेल दुकानें लगाई जाएंगी। जिनके लाइसेंस रिन्यू किए गए हैं।