धनतेरस पर क्या खरीदें और क्या न खरीदें
हिंदू पंचांग के अनुसार,कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि 22 अक्तूबर को शाम में 6 बजकर 3 मिनट से शुरू होकर 23 अक्तूबर को शाम 6 बजकर 4 मिनट तक रहेगी। ऐसे में धनतेरस का पर्व 23 अक्टूबर को मनाना शुभ होगा। धनतेरस को धनत्रयोदशी के रूप में भी जाना जाता है। शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान धनतेरस के दिन ही भगवान धन्वंतरि प्रकट हुए थे। दीपोत्सव के प्रथम दिन यानी धनतेरस पर पूज्य गणेशजी के साथ ही धनाधिपति कुबेर और देवी लक्ष्मी की पूजा का विधान भी है। इसके साथ ही धनतेरस पर सम्पदा,आरोग्य व ऐश्वर्य के लिए इन वस्तुओं का क्रय किया जाता है वहीं कुछ चीजें ऐसी हैं जिनको आज के दिन खरीदारी से बचना चाहिए।
1.धनिया
धनतेरस पर बहुत से लोग धनिया के बीज खरीदकर घर में रखते हैं। इसे सौभाग्य और सम्पन्नता का प्रतीक माना जाता है। दीपावली पर लक्ष्मी पूजा की थाली में इसे रखते हैं और बाद में इनको क्यारी,गमलों, खेतों आदि में बोया जाता है।
2.वस्त्र और औषधि
विवाहित या अविवाहित महिलाओं द्वारा इस दिन लाल साड़ी और शृंगार का सामान खरीदने से वर्षपर्यंत मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। धन्वन्तरि आरोग्य और औषधियों के देव हैं इसलिए इस दिन औषधि खरीदकर उनका दान करना बहुत शुभ माना गया है।
3.पीतल खरीदना उत्तम
भगवान धन्वंतरि की प्रिय धातु पीतल है और उनके हाथ में अमृत कलश होता। आज के दिन पीतल के बर्तन खरीदना उत्तम माना गया है। समय परिवर्तन के साथ आजकल धनतेरस का भी बाजारीकरण हो गया है और इस दिन को विलासिता पूर्ण वस्तुओं के क्रय का दिन घोषित कर रखा है जो सही नहीं है।
4.मिट्टी के दिए खरीदें
आज के दिन मिट्टी के बर्तन,लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति,हटरी या दिए खरीदना भी बेहद शुभ माना जाता है। मिट्टी के बर्तन से घर में सकारात्मकता आती है। पंचतत्वों में शामिल मिट्टी से बने दीयों से पूजन अच्छा माना जाता है।
क्या न खरीदें
- आज के दिन लोह निर्मित वस्तुओं को खरीदना अशुभ माना गया है। चाकू/छुरी या कांटा जैसे वस्तुएं नहीं खरीदनी चाहिए। इन्हें धनतेरस पर खरीदने से संकट और परेशानी का योग बन सकता है।
- कांच पर राहु का प्रभाव माना गया है इसलिए इस दिन कांच का सामान नहीं खरीदना चाहिए। काला रंग नकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है इसलिए इस दिन काले वस्त्र लेने और पहनने से बचें।
- खाली बर्तन खरीदकर घर में नहीं रखने चाहिए इससे दरिद्रता आती है। यदि ऐसा कलश या बर्तन लेते हैं तो उसमें पहले जल या धान भरकर रखना उचित होगा।
- कुछ लोग औपचारिकतावश मिलावटी धातु के नकली आभूषण खरीद लेते हैं। आज के दिन यह खरीदना सही नहीं है,यह दरिद्रता पैदा करते हैं।