महिला आयोग की सुनवाई में आठ प्रकरण नस्तीबद्ध
धमतरी
छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्य डॉ अनीता रावटे ने आयोग को मिले आवेदनों पर आज सुनवाई करते हुए विभिन्न प्रकरणों में अपना निर्णय सुनाया, साथ ही दोनों पक्षों की दलीलें भी सुनीं। आज की सुनवाई के दौरान कुल आठ प्रकरणों को नस्तीबद्ध किया गया। आयोग की सुनवाई में सामाजिक बहिष्कार के एक प्रकरण में पिछली सुनवाई में आयोग की ओर से जिला संरक्षण अधिकारी, नवा बिहान एवं पुलिस थाने के कांस्टेबल ग्रामसभा में उपस्थित थे।उनके द्वारा बताया गया कि ग्रामसभा की बैठक में आवेदिका को समाज में सम्मिलित करने की सार्वजनिक घोषणा की गई थी, जिसका समस्त दस्तावेज आयोग को प्रस्तुत किया गया। इसके बाद इस प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया।
एक अन्य प्रकरण में एक अन्य प्रकरण में उभय पक्ष उपस्थित। आवेदिका ने अपनी बेटी के नाम से अनावेदिक के लिए शिकायत की है। उन्होने स्वीकार किया है कि अनावेदक के शादी का उसकी पढाई का कर्ज अनावेदक की बात की थी और 35 लाख रुपये कॉलेज ने जमा भी किये थे। उसके बाद बकाया पैसा नही दिया उसके बेटी के साथ धोखाधड़ी की और बकाया फिस जमा करने के लिए आवेदिका ने आयोग में शिकायत प्रस्तुत किया। अनावेदक का कथन है कि विवाह के 6 माह तक अलग-अलग सामाजिक बैठको में आवेदिका की बेटी को बुलाया गया। शादी के बाद 15 दिन अनावेदक के साथ रही उस के बाद आवेदिका की बेटी ने मोबाईल को ब्लॉक कर दिया 6 माह के बाद तालाक असगर के माध्यम से तलाक दिया और पढाई के 35 लाख रुपये मैने फिस जमा किया था। पैसा लेने के बाद किसी भी तरह का सम्पर्क और वैवाहिक संबंध नही रखा। इसलिए 2018 में आवेदिका की बेटी से तलाक हो चुका है। अनावेदक ने बताया कि मेरा विवाह हो चुका है और बच्चे भी हो चुके है। साथ ही बताया कि उसके पास आवेदिका की बेटी के विरूद्ध दस्तावेज को आवश्यकता पडने पर प्रस्तुत करेगा। आयोग द्वारा दोनो पक्षों को समझाईश दिया गया कि उसकी पुत्री अपना आवेदन प्रस्तुत कर सुनवाई की तिथि अनिवार्य रूप से उपस्थित हों। जिससे आगामी सुनवाई में अनावेदक को बुला सके। आवेदिका की बेटी इस प्रकरण में लगातार अनुपस्थित रही है। इस कारण प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया।