दिल्ली सरकार एक और फरमान दिवाली पर पटाखे खरीदने और फोड़ने पर जेल
नईदिल्ली
दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध तो पहले ही लगा दिया गया था, अब सरकार ने एक और फरमान जारी कर जुर्माने का भी ऐलान कर दिया है. अगर राजधानी में कोई भी शख्स पटाखे फोड़ता पाया गया तो उस पर 200 रुपये का जुर्माना लगेगा, वहीं उसे 6 महीने जेल में भी काटने पड़ सकते हैं. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ये जानकारी दी है.
कितना जुर्माना, कितनी जेल?
उन्होंने कहा है कि पटाखों का खरीदना और उन्हें फोड़ने पर 200 रुपये का जुर्माना लगेगा, 6 महीने की जेल की सजा भी होगी. वहीं जो भी पटाखों की स्टोरेज करेगा, उनकी बिक्री में शामिल होगा, उन पर भी 5000 रुपये तक का जुर्माना और तीन साल की जेल होगी. अभी के लिए ये प्रतिबंध प्रभावी रूप से काम कर सके, इसलिए 408 टीमें बना दी गई हैं. असिस्टेंट कमिश्नर की अध्यक्षता में दिल्ली पुलिस ने 210 टीमें बना दी हैं, आयकर विभाग ने भी 165 टीमें बनाई हैं और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति की भी 33 टीमें तैनात रहेंगी.
पिछले दो साल से इस तरह का प्रतिबंध जारी है। राय ने कहा कि 21 अक्तूबर को एक जन-जागरूकता अभियान 'दीये जलाओ पटाखे नहीं' शुरू किया जाएगा। दिल्ली सरकार शुक्रवार को कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क में 51,000 दीये जलाएगी। मंत्री ने कहा, ‘‘दिल्ली में पटाखों की खरीद और इसे फोड़ने पर भारतीय दंड संहिता के तहत 200 रुपए का जुर्माना और छह महीने की जेल होगी।''
राय ने कहा कि प्रतिबंध लागू करने के लिए 408 टीमों का गठन किया गया है। दिल्ली पुलिस ने सहायक पुलिस आयुक्त के तहत 210 टीमों का गठन किया है, जबकि राजस्व विभाग ने 165 और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने 33 टीमें गठित की हैं। मंत्री ने कहा कि उल्लंघन के 188 मामलों का पता चला है और 16 अक्टूबर तक 2,917 किलोग्राम पटाखे जब्त किए गए हैं।
कब तक जारी रहेगा प्रतिबंध?
जानकारी के लिए बता दें कि सितंबर में सरकार ने एक बार फिर पटाखों पर पूर्ण बैन लगा दिया था. बेंचने से लेकर फोड़ने तक, हर चीज पर प्रतिबंध लगाया गया. ये आदेश अगले साल जनवरी 1 तक जारी रहने वाला है. पिछले दो साल से लगातार प्रदूषण पर काबू पाने के लिए केजरीवाल सरकार द्वारा ये कदम उठाया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने भी अपनी तरफ से पटाखों पर कोई नरमी नहीं दिखाई है.
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा था?
वैसे कुछ दिन पहले बीजेपी नेता मनोज तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका जरूर दायर की थी. उन्होंने पटाखों पर लगे प्रतिबंध को संस्कृति के खिलाफ बता दिया था. लेकिन तब कोर्ट ने उल्टा उन्हें ही फटकार लगाते हुए कहा था कि क्या बढ़ता प्रदूषण आपको नहीं दिखता है? कोर्ट ने कहा था कि कोर्ट ने कहा कि दिल्ली एनसीआर को लेकर हमारा फैसला एकदम स्पष्ट है. क्या आपने प्रदूषण की स्थिति नहीं देखी. पराली की वजह से पहले ही प्रदूषण बढ़ने लगा है. आप खुद एनसीआर में रहते हैं, फिर पहले से बढ़े प्रदूषण को और ज्यादा क्यों बढ़ाना चाहते हैं? हम इस बैन को नहीं हटा सकते हैं.