राजधानी के थाने में महिला SI की हुई गोद भराई,साथी बने मायके वाले
भोपाल
रोजमर्रा के कामकाज रोजनामचा, रिपोर्ट से अलग हटकर राजधानी के महिला थाने में अलग सीन दिखाई दिया. थाना फूलों और गुब्बारों से सजा था. पुलिस और फरियादियों की चीख-चिल्लाहट से अलग यहां सबकी हंसी खुशी सुनाई दे रही थी. मौका ही कुछ ऐसा था. यहां गोद भराई की रस्म निभायी जा रही थी. मध्य प्रदेश और संभवत: ये पहला मौका होगा जब किसी थाने में पुलिस कर्मी की गोद भराई की गयी हो.
भोपाल के महिला थाने में एक गर्भवती सब इंस्पेक्टर की गोद भराई की रस्म की गई. इस दौरान एक पुलिस कांस्टेबल उस महिला सब इंस्पेक्टर का भाई बना तो एक महिला पुलिसकर्मी ने मां की भूमिका निभाई. इस रस्म के लिए थाने को फूलों और गुब्बारों से सजाया गया था.
थाने में गूंजे गीत
गोद भराई की ये रस्म महिला थाना में पदस्थ एसआई करिश्मा राजावत की निभाई गयी. थाना प्रभारी अंजना धुर्वे ने बताया कि एसआई करिश्मा राजावत ग्वालियर की रहने वाली हैं. उन्होंने चाइल्ड लीव का आवेदन दिया था जिसे मंजूरी दी गई. वो अब डिलीवरी के लिए जा रही हैं. उन्होंने बताया करिश्मा थाने में एक परिवार की तरह रहती हैं. उनका व्यवहार सबके प्रति पॉजिटिव है करिश्मा के खुशमिजाज अंदाज और उसके अच्छे व्यवहार के कारण थाना स्टाफ का उस से लगाव है. जब वो मेटरनिटी लीव पर जाने लगीं तो स्टाफ ने एक राय होकर उनकी थाने में ही गोद भराई की रस्म करने का फैसला किया. थाने को गुब्बारों और फूलों से सजाया गया. गोद भराई की गयी औऱ फिर करिश्मा को लीव पर भेजा गया.
स्टाफ ने निभाई परिवार की भूमिका…
थाना प्रभारी अंजना धुर्वे ने बताया कि पूरे महिला थाने के स्टाफ ने करिश्मा की गोद भराई के लिए एक परिवार की भूमिका निभाई. स्टाफ में शामिल 25 महिला कर्मचारियों ने बहन, सहेली और अन्य रिश्तेदार की भूमिका निभाई. 13 पुरुषों ने मायके वाले बनकर अपना दायित्व निभाया. एक घंटे चले कार्यक्रम में स्टाफ की एसआई अनिता रघुवंशी ने मां बनकर उनकी गोद भराई की रस्म शुरू की. कांस्टेबल प्रदीप शर्मा ने भाई बनकर फल से गोद भरकर रस्म पूरी की. रस्म अदायगी करने के बाद करिश्मा को खुशी खुशी उनके घर के लिए पूरे स्टाफ ने रवाना किया. महिला थाने में यह पहली बार हुआ इस तरीके की रस्म भोपाल ही नहीं बल्कि प्रदेश भर में किसी थाने में इससे पहले नहीं की गयी.