अप्रवासी सम्मेलन में शामिल होने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इंदौर आ सकती है
इंदौर
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (draupadi murmu) का भी दौरा कार्यक्रम है।मध्यप्रदेश में जनवरी में दो बड़े आयोजन होने जा रहे हैं। 8 से 10 जनवरी तक ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में शामिल होने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे। पीएम मोदी 9 जनवरी को इंदौर आ रहे हैं। इसके बाद 10 जनवरी को अप्रवासी सम्मेलन का भी आयोजन है, जिसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President of India) का दौरा संभावित है।
तैयारी में जुट गई सरकार
प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के जनवरी में होने वाले दौरे को देखते हुए राज्य सरकार अभी से तैयारियों में जुट गई है। बैठकों का दौर शुरू हो गया है। अधिकारियों को जिम्मेदारी दी जा रही है। देश-विदेश से आने वाले उद्योगपति और उनके प्रतिनिधियों के रहने-ठहरने और उन्हें तमाम प्रकार की जानकारियां देने के लिए व्यवस्था की जा रही है।
वेबसाइट लांच
मध्यप्रदेश के इंदौर में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिटि के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार को एक वेबसाइट भी लांच कर रही है। इस वेबसाइट के जरिए देश-विदेशों में रहने वाले उद्योगपतियों और उनके प्रतिनिधियों से संपर्क हो सकेगा। वहीं मध्यप्रदेश में निवेशकों को आकर्षित किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार को सुबह दिल्ली में हैं। वे दिल्ली में ही इस वेबसाइट को लांच करेंगे।
दोनों आयोजन में 5 हजार लोगों का होगा जमावड़ा
इन दोनों आयोजन को मिलाकर इंदौर शहर में तीन दिनों तक 5 हजार लोगों का जमावड़ा होगा। एमपीआईडीसी के कार्यकारी संचालक रोहन सक्सेना के अनुसार दोनों आयोजन इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में होंगे। अप्रवासी सम्मेलन के ठीक बाद 10 की रात को इन्वेस्टर्स समिट का हाई पावर डिनर होगा। 11 और 12 जनवरी को समिट का आयोजन होगा। इन्वेस्टर्स समिट में 2000 लोगों को आमंत्रण दिया गया है। इसी तरह अप्रवासी भारतीय सम्मेलन के लिए 3 हजार लोगों को निमंत्रण भेजे गए हैं। समिट में इस बार फोकस आईटी, ऑटो, टेक्सटाइल और फूड सेक्टर पर रहेगा।
आदिवासी कला का होगा प्रदर्शन
भारतीय एनआरआई सम्मेलन में मध्यप्रदेश की परंपरागत आदिवासी कला का प्रदर्शन किया जाएगा। इसके साथ ही कार्यक्रम के लिए लोकल विलेज कांसेप्ट भी तैयार किया जा रहा है। प्रस्तावित प्रवासी भारतीय सम्मेलन के लिए केंद्र और राज्य सरकार मिलकर तैयारी कर रही हैं। इसकी व्यवस्थाओं के लिए एक स्टीयरिंग कमेटी गठित रहेगी जिसमें भारत के विदेश मंत्रालय के अधिकारी तथा मध्यप्रदेश शासन के अधिकारी शामिल रहेंगे।