प्रदेश में सभी औद्योगिक क्षेत्रों के लिए अपार संभावनाएँ हैं : मुख्यमंत्री चौहान
- प्रदेश में उपलब्ध 1 लाख 22 हजार एकड़ भूमि का लैंड बैंक
- राज्य सरकार निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध
- निवेशकों के आकर्षण का केन्द्र बन रहा है मध्यप्रदेश
- मुख्यमंत्री चौहान ने पुणे में "इन्वेस्टमेंट अपॉर्चुनिटीज़ इन मध्यप्रदेश" कार्यक्रम को संबोधित किया
भोपाल
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश में सभी औद्योगिक क्षेत्रों में अपार संभावनाएँ हैं। टेक्सटाईल, खाद्य प्र-संस्करण, फार्मास्युटिकल सेक्टर सहित सभी क्षेत्रों में निवेशकों के लिए मध्यप्रदेश आकर्षण का केन्द्र है। यहाँ सिंगल विन्डो सिस्टम से उद्योग स्थापना संबंधी प्रक्रियाओं को सुगम और समय-सीमा में पूर्ण करना संभव हो रहा है। पर्यटन की दृष्टि से भी मध्यप्रदेश, देश के सबसे समृद्ध राज्यों में से एक है। भारत को वर्ष 2026 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थ-व्यवस्था बनाने के संकल्प को पूर्ण करने मध्यप्रदेश में निवेश प्रोत्साहन के लिये राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। प्रदेश में एक लाख 22 हजार एकड़ का लैंड बैंक, पर्याप्त पानी, बिजली, रोड नेटवर्क, दक्ष मानव संसाधन और शांतिपूर्ण वातावरण उपलब्ध है। सभी निवेशक मित्रों का मध्यप्रदेश में स्वागत है। निवेशकों को किसी भी तरह की समस्या आने नहीं दी आयेगी।
मुख्यमंत्री चौहान पुणे के होटल हयात रेजेंसी में "इन्वेस्टमेंट अपॉर्चुनिटीज़ इन मध्यप्रदेश" कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उल्लेखनीय है कि जनवरी 2023 में इन्दौर में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में निवेश प्रोत्साहन और उद्योगपतियों को समिट में आमंत्रित करने दो दिवसीय यात्रा के दूसरे दिन पुणे में यह कार्यक्रम किया गया। एक दिन पहले 20 अक्टूबर को मुख्यमंत्री चौहान ने दिल्ली में निवेशकों से संवाद किया था। मुख्यमंत्री चौहान ने संभावित निवेशकों के साथ वन-टू-वन चर्चा भी की।
मुख्यमंत्री चौहान ने संभावित निवेशकों को प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि ई-व्हीकल भविष्य की आवश्यकता है। प्रदेश में ई-व्हीकल कंपनियों के लिए पार्क बनाने का निर्णय लिया गया है। हमने मध्यप्रदेश में सड़कों का जाल बिछाया है। प्रदेश में दो एक्सप्रेस-वे का निर्माण हो रहा है। चंबल के बीहड़ को जोड़ते हुए अटल एक्सप्रेस-वे और अमरकंटक से सीधे गुजरात की सीमा तक नर्मदा एक्सप्रेस-वे बनाया जा रहा है। मध्यप्रदेश में सिंचित क्षेत्र 7.5 लाख हेक्टेयर था, जिसे बढ़ा कर हमने 45 लाख हेक्टेयर कर दिया है। आने वाले 3 वर्षों में सिंचित क्षेत्र 65 लाख हेक्टेयर होगा। लगातार दस सालों तक हमने 18 प्रतिशत से अधिक एग्रीकल्चर ग्रोथ रेट दर्ज की है, जो चमत्कार है। अधो-संरचना, स्वास्थ्य-शिक्षा, सुशासन तथा अर्थ-व्यवस्था और रोजगार राज्य शासन के लिए प्राथमिकता के क्षेत्र हैं।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोविड काल के दौरान मैं भी कोरोना से संक्रमित हो गया था। उस समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आपदा को अवसर में बदलने की बात कहते हुए "आत्म-निर्भर भारत" का मंत्र दिया। हमने आत्म-निर्भर भारत के लिए आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश का रोडमेप बनाया है, जिस पर अमल जारी है। मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास की ओर निरंतर अग्रसर है। पर्यटन की दृष्टि से भी प्रदेश, देश के समृद्ध राज्यों में से एक है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लोकार्पित "महाकाल लोक" विश्व का ध्यान आकर्षित कर रहा है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में बड़े एवं मध्यम बांधों का जाल बिछा हुआ है, जिससे पानी की उपलब्धता आसानी से होगी। मध्यप्रदेश पहला राज्य है जहाँ लेबर रिफॉर्मस किए गए हैं। अब प्रदेश में महिलाएँ भी 3 शिफ्ट में कार्य कर सकती हैं। प्रदेश में इंडस्ट्री फ्रेंडली पॉलिसी है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आप सभी को भारतीय प्रवासी दिवस तथा ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए आमंत्रित करता हूँ। आप लोग समिट होने का इंतजार न करें, आज और अभी से निवेश की प्रकिया प्रारंभ कर दें। मैं प्रति सोमवार को उद्योगपतियों के लिए समय आरक्षित रखता हूँ, आप मुझसे कभी भी मिल सकते हैं।
औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव ने कहा कि मध्यप्रदेश ऑटो कम्पोनेंट, सर्विस सेक्टर, फूड प्रोसेसिंग, हॉस्पिटेलिटी, टेक्सटाईल आदि सेक्टर्स में प्रगति कर रहा है। मध्यप्रदेश, देश में ऐसा पहला राज्य है, जिसने अपना ऑटो-शो किया। यहाँ आईआईटी और आईआईएम के साथ ही कई आईटीआई हैं। सिंगापुर की सहायता से भोपाल में ग्लोबल स्किल पार्क स्थापित किया गया है, जहाँ स्किल्ड मेनपावर तैयार किया जा रहा है। मध्यप्रदेश द्वारा गेहूँ, चावल, लहसुन, प्याज, मक्का, सोयाबीन, डेयरी उत्पाद सहित कई कृषि उत्पादों का मिडिल ईस्ट एवं यूएई में निर्यात किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक समय बीमारू राज्य कहा जाने वाला मध्यप्रदेश आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दृढ़ निश्चय एवं अथक प्रयासों से विकसित राज्यों की श्रेणी में आ गया है।
प्रमुख सचिव, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन संजय शुक्ला ने प्रदेश में निवेश के लिये उपलब्ध सुविधाओं एवं नीतियों संबंधी जानकारी दी। एमडी एमपीआईडीसी जॉन किंगस्ले ने उद्योगपतियों का आभार माना। कार्यक्रम में मध्यप्रदेश की समृद्ध, सामाजिक, सांस्कृतिक, प्राकृतिक, औद्योगिक, पर्यटन विरासत एवं आधारभूत संरचना को दर्शाती लघु फिल्म भी दिखायी गई।
मुख्यमंत्री चौहान से काउंसिल जनरल ऑफ इजराइल के कोबी शोनी, भारत फोर्ज लिमिटेड के बाबा कल्याणी, किर्लोस्कर ब्रदर्स लिमिटेड के संजय किर्लोस्कर, वीकफ़ील्डस फूड्स प्रायवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अश्विनी मल्होत्रा, पियाजियो व्हीकल्स इंडिया प्रायवेट लिमिटेड के डिएगो ग्रेफी, केपीआईटी टेक्नोलॉजी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक रवि पंडित, जेडएफ स्टीयरिंग गियर्स के उत्कर्ष मोनोतो, प्रवीण मसाला (सुहाना मसाला) के विशाल चौरडि़या, राठी ग्रुप के अदित राठी और मालपानी ग्रुप के आशीष मालपानी ने मध्यप्रदेश में निवेश संबंधी प्रस्तावों पर संवाद किया।