हिमाचल प्रदेश में चलेगा पंजाब का ‘पेंशन’ दांव? AAP की घोषणा बढ़ाएगी आर्थिक बोझ
शिमला
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के प्रचार में जुटी आम आदमी पार्टी अब पंजाब का पेंशन दांव खेलने की तैयारी कर रही है। पंजाब में पुरानी पेंशन योजना की बहाली के ऐलान के बाद आप ने हिमाचल में भी सत्ता में आने पर ओल्ड पेंशन स्कीम यानी OPS लागू करने की बात दोहराई है। कहा जा रहा है बीते कुछ समय ठंडे पड़े आप के प्रचार अभियान में यह घोषणा दम भर सकती है। आप के हिमाचल प्रदेश अध्यक्ष सुरजीत ठाकुर ने कहा, 'पंजाब सरकार ने साबित किया है कि केजरीवाल जो वादा करते हैं, उसे पूरा करते हैं। हिमाचल में भी अगर आप सत्ता में आई तो OPS लागू की जाएगी।' माना जा रहा है कि पहाड़ी राज्य में सरकारी कर्मचारी बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। ऐसे में आप भी उन्हें लुभाने में जुटी हुई है।
पेंशन कितना बड़ा मुद्दा
राज्य में सरकारी कर्मचारियों की संख्या करीब 2.25 लाख है। आंकड़े बताते हैं कि इनमें से करीब 1.5 लाख कर्मचारी नई पेंशन योजना का लाभ ले रहे हैं। एक ओर जहां सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी प्रदेश की आर्थिक हालत का हवाला देते हुए पुरानी पेंशन योजना की बहाली पर घोषणा से बच रही है। वहीं, आप और कांग्रेस सत्ता में आने पर इसे लागू करने का वादा कर रहे हैं।
आप के सियासी हाल
खबर है कि इस घोषणा से आप को फायदा हो सकता है। दरअसल, पार्टी बीते कुछ समय से प्रचार के मोर्चे पर धीमी नजर आ रही है। राज्य से आप के बड़े नेताओं की गैरमौजूदगी भी इसका एक कारण बताया जा रहा है। अब ठाकुर ने कहा, 'आप सरकार ने केजरीवाल की तरफ से दी गई गारंटी को 6 महीने में पूरा किया है। अब हिमाचल की बारी है। यहां भी सभी गारंटी पूरी की जाएंगी।'
पेंशन और राज्य के आर्थिक हालात
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हिमाचल प्रदेश पर करीब 7 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है। वहीं, अगर पुरानी पेंशन योजना दोबारा लागू की जाती है, तो राज्य पर 600 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा।