November 23, 2024

‘इतिहास में गांधी से कम नहीं सावरकर का स्थान’, संस्कृति मंत्रालय की पत्रिका ने समर्पित किया नया अंक

0

नई दिल्ली।
 
गांधी स्मृति और दर्शन स्मृति (जीएसडीएस) द्वारा प्रकाशित एक मासिक पत्रिका अंतिम जान का नवीनतम अंक विनायक दामोदर सावरकर को समर्पित है। इस अंक की प्रस्तावना में उनके कद को ऐतिहासिक बताते हुए महात्मा गांधी से तुलना की गई है। आपको बता दें कि यह विभाग संस्कृति मंत्रालय के अधीन कार्य करता है और इसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री खुद होते हैं।

जीएसडीएस के उपाध्यक्ष और भाजपा नेता विजय गोयल द्वारा सावरकर "महान देशभक्त" पर प्रस्तावना में कहा गया है, "यह दुखद है कि जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान जेल में एक दिन भी नहीं बिताया है और समाज के लिए योगदान नहीं दिया है वे सावरकर जैसे देशभक्त की आलोचना करते हैं। सावरकर का इतिहास में स्थान और स्वतंत्रता आंदोलन में उनका सम्मान महात्मा गांधी से कम नहीं है।'' गोयल ने लिखा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनके योगदान के बावजूद सावरकर को कई वर्षों तक स्वतंत्रता के इतिहास में उनका उचित स्थान नहीं मिला। जीएसडीएस के अधिकारियों ने कहा कि जून का अंक 28 मई को सावरकर की जयंती के अवसर पर उन्हें समर्पित किया गया था।  जीएसडीएस स्वतंत्रता सेनानियों को स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने पर पत्रिका के आगामी अंक समर्पित करना जारी रखेगा।

1984 में स्थापित जीएसडीएस का मूल उद्देश्य महात्मा गांधी के जीवन, मिशन और विचारों को विभिन्न सामाजिक-शैक्षिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से प्रचारित करना है। गांधीवादियों का एक मनोनीत निकाय और विभिन्न सरकारी विभागों के प्रतिनिधि इसकी गतिविधियों का मार्गदर्शन करते हैं। पत्रिका के जून कवर में सीताराम द्वारा बनाया गया सावरकर का एक स्केच है। 68-पृष्ठ के लगभग एक तिहाई अंक पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, मराठी रंगमंच और फिल्म लेखक श्रीरंग गोडबोले, राजनीतिक टिप्पणीकार उमेश चतुर्वेदी, और लेखक कन्हैया त्रिपाठी सहित कई लेखकों द्वारा हिंदुत्व विचारक पर निबंध और लेखों को समर्पित है। हिंदुत्व पर एक ऐसा निबंध भी जिसे सावरकर ने अपनी पुस्तक से लिखा था।

वाजपेयी का निबंध सावरकर को "व्यक्तित्व नहीं बल्कि एक विचार" कहता है। इसमें इस बात का उल्लेख किया गया है कि सावरकर ने गांधी से पहले "हरिजन" समुदाय के लोगों के उत्थान की बात की थी। गोडबोले ने सावरकर और गांधी की हत्या के मुकदमे के बारे में लिखा है। लेखक मधुसूदन चेरेकर ने गांधी और सावरकर के बीच संबंधों के बारे में लिखा है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *