November 25, 2024

सबसे बड़ी जीत की चाह, गुजरात पहुंच गए हैं शाह, चुनावी तैयारियों को अंतिम रूप देंगे

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गांधीनगर
केंद्रीय गृहमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह ने गुजरात में चुनाव से पहले मोर्चा संभाल लिया है। शाह छह दिन तक राज्य में पार्टी की चुनावी तैयारियों को अंतिम रूप देंगे। शनिवार को यात्रा की शुरुआत के साथ ही शाह ने ढीले 'नट-बोल्ट' कसना शुरू कर दिया है। गांधीनगर सीट से सांसद शाह हर जोन के पदाधिकारियों से अलग-अलग बैठक कर रहे हैं। 27 सालों से लगातार सत्ता में काबिज भाजपा यहां अब तक की सबसे बड़ी जीत का लक्ष्य हासिल करने पर जोर दे रही है। वहीं, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी भाजपा से सत्ता छीनने की कोशिश में हैं।

दिल्ली और गुजराती नव वर्ष से पहले गृहराज्य पहुंचे शाह जहां एक तरफ त्योहारों को परिवार के साथ मनाएंगे तो उनकी मौजूदगी से राज्य में चुनावी हलचल और तेज होने की उम्मीद है। शनिवार को उन्होंने दक्षिण गुजरात के कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ वलसाड में बैठक की। इसमें मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, गुजरात बीजेपी के अध्यक्ष सीआर पाटिल से लेकर मंत्री, विधायक और पार्टी पदाधिकारी मौजूद थे। रविवार को शाह इसी तरह की बैठक मध्य क्षेत्र के लिए वडोदरा में करेंगे तो उत्तर गुजरात की बैठक सोमवार को पालनपुर में होगी। मंगलवार को गिर सोमनाथ और सौराष्ट्र क्षेत्र पर मंथन की बारी होगी।

बताया जा रहा है कि पार्टी उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप देने से पहले सभी विधानसभा क्षेत्रों में पर्यवेक्षकों को भेजेगी। 27 साल की एंटी इनकंबेंसी से बचते हुए एक बार फिर जनता का भरोसा जीतने के लिए पार्टी उम्मीदवारों के चयन में काफी सावधानी बरत रही है। इसके लिए पार्टी काफी विचार-विमर्श पर जोर दे रही है। ना सिर्फ मौजूदा पदाधिकारियों बल्कि पार्टी से जुड़े पुराने नेता-कार्यकर्ताओं से भी फीडबैक लिया जा रहा है।

प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सीआर पाटिल कई बार कह चुके हैं कि पार्टी इस बार अब तक की सबसे बड़ी जीत का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही है। गुजरात में कांग्रेस ने 1985 में सर्वाधिक 149 सीटों पर जीत हासिल की थी। बीजेपी ने 2002 में जहां 127 सीटों पर जीत हासिल की थी तो पिछले चुनाव में पार्टी 99 सीटों पर काबिज हुई थी। 182 विधानसभा सीटों वाले राज्य में बहुमत का आंकड़ा 92 है। अब तक यहां कांग्रेस से मुकाबला करती रही भाजपा को इस बार आम आदमी पार्टी की चुनौती का भी सामना करना पड़ रहा है। आप संयोजक अरविंद केजरीवाल लगतार दौरे कर रहे हैं और अपने लोकलुभावन वादों से उन्होंने पार्टी को यहां चर्चा में ला दिया है। बीजेपी के सूत्रों के मुताबिक, पार्टी ने 60 ऐसी सीटों की पहचान की है, जहां मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। पार्टी के रणनीतिकार इन सीटों पर विशेष ध्यान दे रहे हैं।

 

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