ट्रेनों में दीपावली पर खचाखच भीड़, आरक्षित टिकट वाले यात्रियों को भी नहीं मिल रही सीट
प्रयागराज
प्रयागराज से जाने वाली या यहां से होकर जाने वाली ट्रेनों में पैर रखने की जगह नहीं है। दीपावली पर सभी को अपने घर जाने की जल्दी है। ट्रेनों में लंबी वेटिंग चल रही है फिर भी घर तो जाना ही है, यही सोचकर लोग ट्रेनों में घुस रहे हैं। ट्रेनों के स्लीपर कोचों में दरवाजे तक यात्रियों की भीड़ दिख रही है। आलम यह है कि प्रतिक्षा सूची वाले यात्रियों की संख्या आरक्षित टिकट वालों से भी अधिक है। जनरल डिब्बों का हाल तो पूछिए मत। वहां तो पैर रखने की भी जगह नहीं है।
प्रयागराज से होकर जाने वाली ट्रेनों की स्थिति : दीपावली पर्व पर परदेशियों की घर वापसी तेज हो गई है। ट्रेन में टिकट भी आरक्षित है लेकिन ट्रेन में अपनी ही सीट मिलेगी या नहीं, यह पता नहीं है। धनतेरस पर दिल्ली, मुंबई से यूपी बिहार की ओर आ रही प्रयागराज से गुजरने वाली ट्रेनों में यही स्थिति है। खचाखच भरी ट्रेनों में शौचालय के बाहर से लेकर, गली, दरवाजे के पास, सीटों के बीच की जगह भी यात्रियों की भीड़ से भरी रहती है। कन्फर्म थी सीट वाले यात्रियों को अपनी ही सीट पर जगह ढूंढनी पड़ रही है। पहले से ही सीट पर पांच से छह यात्री बैठे मिल जाते हैं।
आरक्षित सीटों वाले यात्री भी परेशान : ट्रेनों में वेटिंग टिकट 550 से अधिक पहुंच गया है, अधिकांश ट्रेनों में शुक्रवार को नो रूम की स्थिति थी। भीड़ इतनी अधिक की साधारण कोचों से लेकर थर्ड एसी तक में यात्री अनारक्षित या वेटिंग टिकट लेकर घुस रहे हैं। जिसे जहां और जैसे भी जगह मिल रही, वहीं बैठ रहा। आरक्षित सीटों वाले यात्री परेशान हैं लेकिन सबकी परेशानी देखते हुए आगे यात्रा कर रहे।
बसों में भी जगह नहीं मिल रही : रोडवेज बस अड्डे पर भी दीपावली पर घर पहुंचने वालों की भीड़ दिख रही है। ट्रेन में सीट न मिलने से लोग बसों से सफर कर रहे। भीड़ अधिक है, उसकी तुलना में रोडवेज बसें कम पड़ जा रही है। यात्रियों को घंटों बसों का इंतजार करना पड़ रहा है।
क्या कहते हैं रोडवेज के प्रयागराज क्षेत्रीय प्रबंधक : रोडवेज के प्रयागराज क्षेत्रीय प्रबंधक एमके त्रिवेदी ने बताया कि शनिवार से 194 अतिरिक्त फेरे लगाने का क्रम भी शुरू किया गया है। भीड़ बढ़ते ही कार्यशाला में खड़ी बसों को तत्काल अलग-अलग रूटों पर भेजा गया।