September 24, 2024

परमाणु ऊर्जा एजेंसी का नेटवर्क हैकर्स ने हैक कर चुरा ली सीक्रेट जानकारी, अब तक विरोध जारी

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नई दिल्ली
ईरान में महसा अमिनी की मौत पर अब तक विरोध जारी है। लोग लड़कों पर उतरकर हिजाब विरोधी आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं। इसी कड़ी में ईरान की परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने रविवार को आरोप लगाया कि एक अज्ञात हैकर समूह ने परमाणु ऊर्जा एजेंसी का ईमेल हैक कर लिया है।

ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन (एइओआइ) ने बुशहर परमाणु ऊर्जा संयंत्र के ईमेल सर्वर पर साइबर हमले की पुष्टि की है। 2011 में रूसी तकनीक का उपयोग करके निर्मित, बुशहर ईरान का पहला परमाणु ऊर्जा संयंत्र है जो फारस की खाड़ी के किनारे स्थित है।

महसा अमिनी की मौत के बाद से विरोध बढ़े
ईरान में अमिनी की मौत के बाद से राष्ट्रव्यापी विरोध हो रहे हैं। हिरासत में महसा अमिनी की मौत ने प्रदर्शनकारियों और अधिकारियों के बीच हिंसक झड़पों को जन्म दिया है। इस प्रदर्शन में कई लोगों की मौत हुई है। बता दें कि महसा अमिनी ने हिजाब ठीक से नहीं पहना हुआ था जिसके आरोप में उसे ईरान की पुलिस ने गिरफ्तार किया था। 22 वर्षीय अमिनी की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी जिसके बाद ईरान में एक महीने से अधिक समय से देशव्यापी विरोध प्रदर्शन जारी है।

हैकर्स ने ट्विटर पर किया ये पोस्ट
अनादोलु एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, "ब्लैक रिवार्ड" नामक एक ईरानी हैकिंग समूह ने हाल ही में ट्विटर पर पोस्ट किया और घोषणा की कि उसने महसा अमिनी की मौत पर ईरान में चल रहे विरोध के समर्थन में बुशहर संयंत्र में ईरान की परमाणु गतिविधियों से संबंधित जानकारी हैक की।

परमाणु ऊर्जा एजेंसी में काम कर रहे ईरानी और रूसी परमाणु विशेषज्ञों के वीजा के विवरण लीक करने के अलावा, समूह ने कहा कि इसमें लीक की गई जानकारी में "बुशहर बिजली संयंत्र के विभिन्न हिस्सों के प्रबंधन और संचालन कार्यक्रम शामिल हैं।

16 सितंबर को हुई थी महसा अमिनी की मौत
गौरतलब है कि 16 सितंबर को महसा अमिनी की मौत हुई थी जिसके बाद पूरे देश के कुर्द क्षेत्र में व्यापक रैलियां और हड़तालें हुई। अमिनी की मौत के बाद ईरान की महिलाओं ने दशकों पुरानी अनिवार्य सार्वजनिक हेडस्कार्फ़ नीति पर अपना गुस्सा जाहिर किया। अपने बालों को काटकर और हिजाब को जलाकर ईरान की महिलाएं अधिक स्वतंत्रता की मांग कर रही है।

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