सूर्यग्रहण आज, बंद रहेंगे मंदिरों के कपाट, जानें ग्रहण का मध्यकाल, मोक्षकाल व कुल अवधि समेत सबकुछ
नई दिल्ली
Solar Eclipse 2022: दीपावली के ठीक दूसरे दिन यानी 25 अक्तूबर को सूर्य ग्रहण लग रहा है। इसके कारण विभिन्न मंदिरों में होने वाले अन्नकूट महोत्सव को एक दिन टाल दिया गया है। इस खगोलीय घटना के दौरान शास्त्रत्त्ीय मान्यता को ध्यान में रखते हुए ग्रहण काल में मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम, संकटमोचन मंदिर सहित कई मंदिरों में प्रवेश ग्रहणकाल में नहीं मिलेगा। 25 अक्तूबर को अपराह्न 330 से 26 अक्तूबर को सूर्योदय (0602 बजे) तक बाबा विश्वनाथ के गर्भगृह सहित परिसर स्थित सभी देवकक्ष के पट बंद रहेंगे। सप्तर्षि, शृंगार भोग और शयन आरती 25 अक्तूबर को नहीं होगी। 26 अक्तूबर को मोक्ष पूजा एवं मंगला आरती के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर दर्शनार्थियों के लिए खोला जाएगा। वहीं संकटमोचन मंदिर ग्रहणकाल के बाद खोल दिया जाएगा।
अमावस्या तिथि में लगेगा सूर्यग्रहण-
कार्तिक मास की अमावस्या तिथि 24 अक्टूबर शाम 05 बजकर 27 मिनट से प्रारंभ होगी, जो कि 25 अक्टूबर को शाम 04 बजकर 18 मिनट पर समाप्त होगी। सूतक काल का प्रारंभ 25 अक्टूबर को सुबह 03 बजकर 17 मिनट से होगा और समापन 25 अक्टूबर को शाम 05 बजकर 42 मिनट पर होगा।
सूर्यग्रहण की अवधि
● स्पर्श शाम 04:42 बजे
● मध्यकाल शाम 05:02 बजे
● मोक्षकाल शाम 05:22 बजे
● सूर्यग्रहण की सम्पूर्ण अवधि 7 घंटा 5 मिनट है किन्तु काशी में सम्पूर्ण सूर्यग्रहण 40 मिनट का है।
देश के प्रमुख शहरों में ग्रहण काल की टाइमिंग-
नई दिल्ली- शाम 04:28 बजे से शाम 05:42 बजे तक।
कोलकाता- शाम 04:51 बजे से शाम 05:04 बजे तक।
मुंबई- शाम 04:49 बजे से शाम 06:09 बजे तक।
चेन्नई- शाम 05:13 बजे से शाम 05:45 बजे तक।
पटना- शाम 04:42 बजे से शाम 05:14 बजे तक।
जयपुर- शाम 04:31 बजे से शाम 05:50 बजे तक।
लखनऊ- शाम 04:36 बजे से शाम 05:29 बजे तक।
हैदराबाद- शाम 04:58 बजे से शाम 05:48 बजे तक।
बेंगलूरु-शाम 05:12 बजे से शाम 05:56 बजे तक।
अहमदाबाद- शाम 04:38 बजे से शाम 06:06 बजे तक।
पुणे- शाम 04:51 बजे से शाम 06:06 बजे तक।
नागपुर- शाम 04:49 बजे से शाम 05:42 बजे तक।
भोपाल- शाम 04:42 बजे से शाम 05:47 बजे तक।
चंडीगढ़- शाम 04:23 बजे से शाम 05:41 बजे तक।
मथुरा- शाम 04:31 बजे से शाम 05:41 बजे तक।
ग्रहण काल में इन बातों का रखें ध्यान-
ग्रहण काल में पूजा-पाठ वर्जित होता है। इस अवधि में कोई भी मांगलिक या शुभ कार्य नहीं करना चाहिए।