नक्सली हमले में शामिल 105 आरोपी साक्ष्य के अभाव में हुए दोषमुक्त
जगदलपुर
सुकमा जिले के बुरकापाल में 25 अप्रैल 2017 को नक्सलियों के हमले में 25 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए थे। इस घटना में ग्रामीणों के शामिल होने के आरोप में पुलिस ने तीन गांव के 105 ग्रामीणों को गिरफ्तार कर जगदलपुर के जेल में बंद कर दिया था। 05 वर्ष सजा काटने के बाद इन ग्रामीणों को एनआईए न्यायालय ने पर्याप्त सबूतों के अभाव में रिहा कर दिया है।
ग्रामीणों पर यह आरोप था कि मुठभेड़ में नक्सलियों की मदद किए हैं। इसके अलावा घायल नक्सलियों का इलाज करने •े आरोप भी इन पर लगे थे। इस मामले में 122 अभियुक्तों में से एक डोडी मंगलू बक्का निवासी गोंदपल्ली की 2 अक्टूबर 2021 को मृत्यु हो गई थी। इस कारण न्यायालय ने 25 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान उसके विरुद्ध प्रकरण की कार्यवाई अभिखंडित कर दी थी। इसके बाद से शेष 121 अभियुक्तों पर मामला चल रहा था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सुकमा जिले के बुकार्पाल में हुई नक्सली घटना के बाद पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए 122 आरोपियों को दंतेवाड़ा की एनआईए ने दोषमुक्त करने का फैसला सुनाया है। न्यायाधीश दीपक कुमार देशलहरे के आदेश के बाद शनिवार की देर शाम जगदलपुर सेंट्रल जेल में बंद 105 लोगों को रिहा कर दिया गया है। इस मामले में एक महिला को भी आरोपी बनाया गया था, जो जगदलपुर जेल में बंद थी।
जेल अधीक्षक अमित शांडिल्य ने बताया कि बाकी लोगों पर अन्य मामले होने के कारण से उन्हें रिहा नहीं किया गया है। शनिवार की देर शाम इन्हें दो बस के जरिए उनके गांव रवाना किया गया। बस्तर आईजी सुुंदरराज पी. ने कहा कि आरोपियों के विरूद्ध पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में न्यायालय ने रिहा किया है, कुछ अन्य दूसरे प्रकरण में भी शामिल थे, उन्हे रिहा नही किया गया है।