पहली बार जेल से बाहर मनाई राम रहीम ने दीपावली, गाना भी किया लांच, सजा को बताया रूहानी यात्रा
हिसार
40 दिन की पैरोल पर चल रहे दुष्कर्म और हत्या के दोषी राम रहीम ने सजा के बाद पहली बार जेल से बाहर दीवाली का त्योहार मनाया है। राम रहीम ने जेल की सजा को रूहानी यात्रा बताया है। वहीं सोमवार शाम गुरमीत राम रहीम सिंह ने उत्तर प्रदेश के जिला बागपत स्थित शाह सतनाम आश्रम, बरनावा से दिवाली विशेष गाना साड़ी नित दीवाली लांच किया। लांचिंग के साथ ही वायरल हो गया। वहीं इस दौरान ऑनलाइन गुरुकुल के माध्यम से देश-विदेश में बैठी साध-संगत ने दिवाली का पर्व मनाया। राम रहीम ने इस अवसर पर घी के दिए और फुलझड़ी जलाई। इसके पश्चात देश-विदेश की साध-संगत ने अपने अपने घरों में घी व तेल के दिए जलाए।
राम रहीम ने कहा दीवाली के दिन लोग दिए व लड़ियां लगाकर बाहर रोशनी करते हैं, लेकिन उनके अंदर अंधेरा छाया रहता है। अंदर-बाहर दोनों को चमकाने के लिए प्रभू के नाम से जोड़ा है। इसके अलावा गाने में दिपावली पर्व पर बढ़ते नशे के प्रचलन पर कटाक्ष करते हुए बताया कि दीवाली वाले दिन लोग जुआ खेलकर और दारू (शराब) पीकर रावण बनते है, लेकिन जिनके लिए यह त्योहार (दीपावली) मनाया जाता है यानी रामजी के पददिचन्हों पर कोई नहीं चलता, जोकि दुखद है।
राम रहीम ने कहा दीवाली प्रकाश का पर्व आप सबके घरों में खुशियां लेकर आए और आपके गम, दुख, दर्द, चिंता रूपी अंधकार को दूर कर दें और आपके घरों को खुशियों से मालामाल कर दें, प्रकाश से भर दें। भगवान से प्रार्थना करते है और आप सबको आशीर्वाद देते है। परम पिता शाह सतनाम, शाह मस्तान जी दाता रहबर आपकी झोलिया खुशियों से भरें।
राम रहीम ने आनलाइन सत्संग में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि एक शिष्य को अपने गुरु से भगवान को ही मांगना चाहिए और इसके अलावा गुरु से सबका भला और पूरे संसार का भला मांगना चाहिए तथा खुद के लिए सेवा-सिमरन की भावना रखें, कि मेरी सेवा-सिमरन की भावना कभी मरने ना पाए। हमारे हिसाब से इससे बड़ी कोई दूसरी मांग हो नहीं सकती। एक अन्य सवाल के जवाब में उसने कहा कि गुरुगद्दी पर आने से पहले वे गरीब लोग जो आर्थिक तोर पर कमजोर होते थे, उन्हें बुलाते थे तथा उन्हें मिठाई इत्यादि बांटते थे। आज भी दिवाली पर्व पर 42 जरूरतमंद लोगों के लिए कपड़े, राशन सहित अन्य जरूरी सामान भेजा गया है।