रील्स बनाने को लेकर दो सहेलियां को पड़ी डांट तो घर से भागी, ट्रेन में बैठते ही आई मां-बाप की याद
भोपाल
आजकल के बच्चे छोटी-छोटी बात से इस कदर परेशान हो जाते हैं कि बड़े से बड़ा कदम उठाने से पहले एक बार भी नहीं सोचते हैं। एक ऐसा ही किस्सा उत्तर प्रदेश से सामने आया है जहां अभिभावकों की डांट से दो किशोरियां इतना बुरा मान गईं कि घर से भाग जाने में ही उन्होंने अपनी भलाई समझी। उत्तरप्रदेश की दो किशोरियां अभिभावकों की डांट से इस कदर परेशान हुई कि घर से भाग गई। बाद में भोपाल की रेलवे चाइल्डलाइन ने 15 व 16 साल की इन दोनों किशोरियों को रेस्क्यू किया और काउंसलिंग के बाद इन्हें इनके अभिभावकों सौंप दिया।
पढ़ाई नहीं, बल्कि रील्स बनाने में गुजरता है अधिक समय
दरअसल, मामला रील्स बनाने से जुड़ा हुआ है। दोनों के अभिभावकों ने बताया कि उन्होंने कोरोना के समय अपनी बेटियों को आनलाइन क्लास की पढ़ाई के लिए मोबाइल दिया था। अब पढ़ाई नहीं, दोनों का मन दोस्तों से चैटिंग में लगा रहता है। दोनों ने रील्स बनाकर उन्हें सोशल मीडिया पर अपलोड करना भी शुरू कर दिया है। दोनों ही बच्चियों के माता-पिता इससे परेशान हैं।
बिना सोचे-समझे घर से भागी लड़कियां
इस बीच, अभिभावकों ने उन्हें रोक-टोक करते हुए फटकार लगाई तो गुस्से में दोनों सहेलियां बिना कुछ सोचे घर से निकल गईं। ये दोनों बच्चियां घर से जितनी आसानी से निकल गईं, उतना सहज इनके लिए आगे का सफर नहीं रहा। कुशीनगर एक्सप्रेस में सवार होने के कुछ समय बाद इन्हें डर लगने लगा जिसकी जानकारी इन्होंने अपने घरवालों को दी।
माता-पिताओं के कहने पर रेलवे चाइल्ड लाइन और आरपीएफ की टीम ने कुशीनगर ट्रेन में इन्हें ढूंढा। इसके बाद किशोरियों को चाइल्ड लाइन ने रेस्क्यू कर बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के सामने पेश किया। सीडब्ल्यूसी के सदस्य ब्रिज त्रिपाठी ने बताया कि दोनों किशोरियां यूपी के व्यवसायी परिवारों से हैं। उनकी काउंसलिंग करने के बाद उन्हें परिवार को सौंप दिया गया है।
घरवालों को सुनाई झूठी कहानी
ट्रेन में सवार होने के बाद किशोरियों ने उन्हें घर से भागने के लिए डांट न पड़े इसलिए परिवारवालों को काल कर अपने अगवा होने की झूठी कहानी सुनाई। उन्होंने कहा कि उन्हें ट्रेन के बाथरूम में बांध के रखा गया है। हालांकि, जब भोपाल टीम ने काफी मशक्कत के बाद बच्चियों को ढूंढ निकाला तो वे आराम से ट्रेन में सफर करती मिलीं। किशोरियों ने बताया कि माता-पिता उन पर मोबाइल को लेकर गुस्सा करते हैं। खासकर रील्स देखने और बनाने को लेकर बहुत डांट सुनना पड़ती है।
बच्चियों के इस कदम से घरवाले हुए हैरान
अभिभावकों ने बताया कि बच्चियों का पूरा ध्यान मोबाइल में रहता है। इसके चलते उन्हें डांटना स्वाभाविक है, लेकिन बच्चियां ऐसा कदम उठा लेंगी यह उनकी सोच से भी परे था।