November 22, 2024

श्रीलंका में राष्ट्रपति ने लगाया आपातकाल

0

कोलंबो
श्रीलंका के कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने रविवार देर रात एक सरकारी नोटिस जारी करते हुए देश में एक बार फिर से आपातकाल लागू कर दिया है। प्रधानमंत्री के बाद कार्यवाहक राष्ट्रपति बने रानिल विक्रमसिंघे ने सख्त चेतावनी देते हुए कहा है कि, किसी भी तरह की अराजकता बर्दाश्त नहीं की जाएगी और उन्होंने देश में आपातकाल की घोषणा कर दी है। विक्रमसिंघे ने कहा कि, सरकार लगातार आर्थिक संकट से निकलने की कोशिश कर रही है, लेकिन आइये हम आपको बताते हैं, कि श्रीलंका को अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए फौरन कितने रुपयों की जरूरत है?
 
श्रीलंका में फिर से आपातकाल लागू
श्रीलंका के राष्ट्रपति की तरफ से जो अधिसूचना जारी की गई है, उसमें कहा गया है कि, "सार्वजनिक सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था की सुरक्षा और समुदाय के जीवन के लिए आवश्यक आपूर्ति और सेवाओं के रखरखाव के लिए देश में आपातकाल लगाना जरूरी है।" वहीं, श्रीलंका के अपदस्थ राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे, जो अपनी सरकार के खिलाफ चल रहे भारी विद्रोह से बचने के लिए विदेश भाग गये थे, उन्होंने कहा है कि, उन्होंने उस आर्थिक संकट को टालने के लिए "हर संभव कदम" उठाए, जिसने द्वीप राष्ट्र को घेर लिया है।
 
सिंगापुर नहीं देगा शरण
गोटाबाया राजपक्षे का इस्तीफा शुक्रवार को श्रीलंका की संसद ने स्वीकार कर लिया है। एक हफ्ते पहले कोलंबो की सड़कों पर हजारों की संख्या में सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों के उतरने और उनके आधिकारिक आवास और कार्यालयों पर कब्जा करने के बाद गोटाबाया पहले मालदीव भागे और फिर वो सिंगापुर चले गये। लेकिन, सिंगापुर ने भी गोटाबाया को शरण देने से इनकार कर दिया है, लिहाजा अब वो कहीं और जा सकते हैं। इस बीच नए राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया शुरू करने के लिए शनिवार को श्रीलंका की संसद की बैठक हुई और संकटग्रस्त राष्ट्र को कुछ राहत देने के लिए ईंधन की एक खेप पहुंची।
 
60 लाख लोगों के सामने खाद्यान्न संकट
श्रीलंका की कुल आबादी 2 करोड़ 20 लाख है, लेकिन ताजा रिपोर्ट्स में कहा गया है, कि देश के करीब 60 लाख लोगों के सामने खाद्यान्न संकट पैदा हो गया है। वर्ल्ड फूड प्रोग्राम ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि, श्रीलंकी की करीब 28 प्रतिशत आबादी, गंभीर तौर पर खाद्य संकट में फंस चुकी है। वहीं, रिपोर्ट में ये भी कहा गया है, कि हालात और भी ज्यादा खराब हो सकते हैं। लेकिन, चूंकी श्रीलंका की सरकार के पास विदेशी मुद्रा भंडार खत्म हो चुका है, लिहाजा देश के लिए बुनियादी सामानों की खरीदारी भी मुश्किल है। आर्थिक संकट में फंसे श्रीलंका के पास पेट्रोल संकट, खाद्य संकट, रसोई गैस संकट और टॉयलेट पेपर्स जैसी बुनियादी जरूरत की चीजें भी नहीं हैं और गैस सिलेंडर खरीदने के लिए श्रीलंका के लोगों को कई-कई दिनों तक लाइन में लगा रहना पड़ता है। वर्ल्ड फूड प्रोग्राम ने कहा कि, खाद्य वस्तुओं की कीमत इतनी ज्यादा हो चुकी है, कि लोगों ने कम खाना शुरू कर दिया है।
 
कितने रुपयों की होगी जरूरत
श्रीलंका के लोगों की इनकम पिछले तीन महीनों में काफी खराब हो चुकी है और श्रीलंका में हर पांच में दो परिवारों की इनकम पिछले तीन महीने में आधी हो चुकी है और जून 2020 में श्रीलंका में महंगाई दर 80 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है। वहीं, एक रिपोर्ट में कहा गया है कि, श्रीलंका की सरकार को अपने लोगों के लिए बुनियादी सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए अगले 6 महीने में 5 अरब डॉलर की जरूरत है और अगर श्रीलंका को पांच अरब डॉलर मिलते हैं, तो स्थिति में सुधार आ सकती है। वहीं, श्रीलंकी सरकार आईएमएफ से लोन के लिए बातचीत कर रही है, हालांकि राजनीतिक संकट में फंसने की वजह से आईएमएफ के साथ बातचीत आगे नहीं बढ़ पाई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *