रीवा में अपनी खून-पसीने की कमाई से प्लॉट व घर खरीदने जा रहे हैं आप तो फ्रॉड होने से बचे, यहां ऐसी प्रापर्टी भी बिक रही
सिविल लाइन पुलिस को बड़ी सफलता मिली। 05 वर्ष से लंबित धोखाधड़ी के मामले में फरार चल रहे 10 हजार के इनामी को पुलिस ने धरदबोचा
रीवा
सिविल लाइन पुलिस को बड़ी सफलता मिली। 05 वर्ष से लंबित धोखाधड़ी के मामले में फरार चल रहे 10 हजार के इनामी को पुलिस ने धरदबोचा। कोर्ट में पेश कर आरोपी को जेल भेज दिया गया है। सिविल लाइन थाना प्रभारी हितेन्द्रनाथ शर्मा ने बताया कि फरियादी विनय सिंह पिता भागीरथी सिंह निवासी समान ने 3 फरवरी 2017 को एक शिकायत दर्ज कराई थी कि शांति विहार कालोनी, हाउसिंग बोर्ड एचआईजी 01 की रजिस्ट्री के लिए उन्होंने वर्ष 2001 में आवेदन किया था।
किस्त पूर्ण होने पर रजिस्ट्री स्वंय के नाम नहीं करा सका । कुछ समय बाद फरियादी को पता चला कि उसके मकान की रजिस्ट्री किसी और ने करा ली है। अज्ञात व्यक्ति ने फर्जी विनय सिंह बनकर कूटरचित दस्तावेज तैयार कर भवन एचआईजी 01 अपने नाम करा ली।थाना सिविल लाइन में अपराध क्र536/17 धारा 419, 420, 467, 468, 471, 120बी, 34 भादवि के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया। विवेचना में यह सामने आया कि विवेक सिंह पिता अभयराज सिंह उम्र 40 वर्ष निवासी ग्राम मानिकवार थाना चाकघाट जिला रीवा हाल एल 456 आशियाना आंगन भिवाड़ी जिला अलवर राजस्थान ने विनय सिंह बनकर रजिस्ट्री कराई थी। घटना दिनांक वह फरार चल रहा था। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस अधीक्षक ने10 हजार रूपये का ईनाम घोषित किया था। थाना सिविल लाईन पुलिस ने आरोपी को शनिवार को धरदबोचा। गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। जहां से आरोपी को न्यायिक अभिरक्षा में केन्द्रीय जेल रीवा भेज दिया गया है। मामले में किस-किस व्यक्ति की संलिप्तता हैं विवेचना की जा रही है। विवेक सिंह को पकडऩे में सिविल लाइन थाना के निरीक्षक हितेन्द्रनाथ शर्मा, उनि सुक्कूलाल उइके, प्रधान आरक्षक जितेन्द्र तिवारी, मनीष सिंह, आरक्षक बृजेश सिंह, शिवमूर्ति मिश्रा, त्रिदेव तिवारी, रोहित नागरी, गौरव मिश्रा की सराहनीय भूमिका रही।