हाई कोर्ट ने पूर्व बिशप डा. पीसी सिंह की जमानत याचिका की ख़ारिज
जबलपुर
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने मिशन की करोड़ों की संपत्ति का फर्जीवाड़ा करने के आरोपित पूर्व बिशप डा. पीसी सिंह की जमानत अर्जी निरस्त कर दी। न्यायमूर्ति नंदिता दुबे की एकलपीठ ने अपनी तल्ख टिप्पणी में कहा कि आवेदक पर जो आरोप लगे हैं, वे गंभीर प्रकृति के हैं। आवेदक का पुत्र अपने पिता की पोजीशन का फायदा उठाते हुए गवाहों को धमकाने के अलावा व साक्ष्यों को प्रभावित कर रहा है। ऐसी स्थिति में जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता।
हाई कोर्ट ने जमानत अर्जी पर सुनवाई पूरी होने के बाद 14 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित रखा था, जो मंगलवार को सुनाया गया। याचिका की सुनवाई के दौरान शासन की ओर से महाधिवक्ता प्रशांत सिंह व आपत्तिकर्ता की ओर से अधिवक्ता श्रेयस धर्माधिकारी ने जमानत अर्जी का विरोध करते हुए एकलपीठ को अवगत कराया कि बिशप रहते हुए पीसी सिंह द्वारा मिशन कंपाउंड की बेशकीमती जमीन बेची और क्रेता के तौर पर स्वयं आधे दामों में खरीद ली गई।