सहकारिता विभाग बैठक में गरीबों के राशन में बड़े स्तर पर गड़बड़ी का उठा मुद्दा
भोपाल
शहर में ही सिर्फ राशन की कालाबाजारी नहीं हो रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी गरीबों के राशन में बड़े स्तर पर गड़बड़ी की जा रही है। शासन ने जिस तरह शहर में कालाबाजारियों पर अंकुश लगाया है। उसी तरह ग्रामीण क्षेत्रों में भी दुकानों की जांच होना चाहिए। इससे इन दुकानों की सच्चाई सामने आ सकेगी। यह बात गत दिवस सहकारिता विभाग की बैठक में जिला पंचायत सदस्य व सभापति बिजिया विनोद राजोरिया ने कही। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में गेहूं, चावल वितरण में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। कोरोना काल के समय खाद्य विभाग के अफसरों के संरक्षण में राशन दुकानों के संचालकों ने जमकर घोटाला किया। वरिष्ठ अफसरों ने शहर की दुकानों की जांच की और लापरवाही मिलने पर निलंबन की कार्रवाई भी हुई, लेकिन अभी सिर्फ शहरी क्षेत्र की दुकानों की ही जांच हुई है। अब ग्रामीण क्षेत्रों की राशन दुकानों की जांच करना चाहिए। इससे एक बड़ा घोटाला सामने आएगा। इसका समर्थन जिला पंचायत सदस्य गंगा बाई मिश्रीलाल मालवीय सहित अन्य सदस्यों ने भी किया। बैठक में मौजूद डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने कहा कि प्रशासन द्वारा दुकानों की जांच कराई जा रही है। जिले की सभी दुकानों की जांच होनी है। जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई होगी। बैठक में उपायुक्त सहकारिता विनोद सिंह के साथ ही अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
सरकार किसानों को भरपूर मदद दे रही, मैदानी अमला कर रहा लापरवाही
जिपं सदस्य इंदिरा अशोक मीना ने कहा कि सोसायटी के द्वारा किसानों को समय पर खाद बीज अच्छी किस्म का सब्सिडी के माध्यम से उपलब्ध कराया जाए, जिससे छोटे किसानों को लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि सरकार के द्वारा किसानों को भरपूर मदद दी जाती है, लेकिन छोटे अधिकारी-कर्मचारियों की लापरवाही एवं मिलीभगत के कारण समय पर किसानों को खाद बीज नहीं मिल पाता है। उपायुक्त विनोद सिंह ने कहा कि सदस्यों के द्वारा जो भी समस्याएं बताई गई हैं, उन पर सख्ती से पालन कराया जाएगा।