इसुदान गढ़वी गुजरात में AAP के CM उम्मीदवार घोषित , केजरीवाल ने किया ऐलान
अहमदाबाद
आम आदमी पार्टी (AAP) ने गुजरात विधानसभा चुनाव में पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार (AAP Gujarat CM Face) के नाम की घोषणा कर दी है। गुजरात में इसुदान गढ़वी (Isudan Gadhvi) आम आदमी पार्टी के सीएम कैंडिडेट होंगे। AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने शुक्रवार को सीएम चेहरे का ऐलान किया। पार्टी ने पंजाब की तर्ज पर गुजरात के लोगों से इसे लेकर राय मांगी थी कि गुजरात का मुख्यमंत्री कौन होना चाहिए। इस पर लोगों की राय के बाद अब नाम की घोषणा कर दी है। AAP के सीएम फेस के चेहरे की दौड़ में राज्य इकाई के अध्यक्ष गोपाल इटालिया, राष्ट्रीय महासचिव इसुदान गढ़वी और महासचिव मनोज सोरठिया शामिल थे।
'महामंथन' से मिली पहचान
महामंथन शो के कंटेंट और इसुदान के देसी बेबाक अंदाज ने उन्हे स्टार बना दिया। किसानों के मुद्दे उठाने के लिए सौराष्ट्र में काफी लोकप्रिय हो गए। खुद एक किसान परिवार में जन्में इसुदान के पिता खेराजभाई गढ़वी अभी भी खेती करते हैं। किसान परिवार से आने के चलते इसुदान को मुद्दों की समझ थी, इसका उन्होंने उपयोग अपनी पत्रकारिता में किया। इसके चलते महामंथन शो बेहद लोकप्रिय हो गया। गुजरात में लोग इस शो के लिए इंतजार करने लगे। इसुदान ने पत्रकार रहते हुए वापी, पोरबंदर, जामनगर, अहमदाबाद और गांधीनगर में काम किया।
16 महीने पहले आप से जुड़े
पिछले साल जब आदमी पार्टी ने गुजरात में संगठन विस्तार की कवायद शुरू की तो इसुदान (Isudan Gadhvi) पत्रकारिता को छोड़कर राजनीति में आ गए। इसुदान गढ़वी (Isudan Gadhvi) ने जून 2021 की शुरुआत में इस्तीफा दे दिया और कहा कि वे पत्रकारिता छोड़कर जनता के लिए काम करेंगे। इसके बाद उनके राजनीति में आने की अटकलें शुरू हो गईं। इसुदान गढ़वी ने फेसबुक पर लाइव जाकर कयासों का जवाब दिया, लेकिन यह नहीं बताया कि वे किसी पार्टी में शामिल होंगे या फिर नहीं। जून महीने में ही जब अरविंद केजरीवाल गुजरात पहुंचे तो इसुदान आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए। आप से जुड़ने के बाद इसुदान ने कहा कि वह सालों से लोगों के सवाल उठाते रहे हैं, लेकिन एक पत्रकार की लक्ष्मण रेखा होती है। एक पत्रकार के रूप में आप लोगों के मुद्दों को उठा सकते हैं लेकिन संविधान के अनुसार, निर्णय लेने की शक्ति निर्वाचित राजनेताओं के पास है। लोगों के कल्याण की शक्ति नेताओं या अधिकारियों के पास है।
पॉपुलैरिटी-साफ छवि आई काम
40 साल के इसुदान गढ़वी (Isudan Gadhvi) ओबीसी वर्ग से आते हैं। गुजरात में ओबीसी की हिस्सेदारी करीब 48 प्रतिशत है। गढ़वी समाज की गुजरात के राजकोट, जामनगर, कच्छ, बनासकांठा और जूनागढ़ जिलों में मौजूदगी है। आबादी के लिहाज से गढ़वी समाज की भागीदारी एक फीसदी से कम है। आदमी आदमी पार्टी के सीएम फेस बनने में इसुदान गढ़वी की लोकप्रियता और साफ छवि काम आई। आम आदमी पार्टी इसुदान गढ़वी को खंभालिया विधानसभा सीट से लड़ सकते हैं। इसी सीट पर अभी बीजेपी का कब्जा है। मेघजी कंजारिया यह से विधायक हैं। अगर इसुदान इस सीट से नहीं लड़ते हैं तो फिर वे राजकोट से चुनावी मैदान में उतर सकते हैं।
शराब पीने का लगा आरोप
आम आदमी पार्टी ने इसी साल जब हेड क्लर्क की परीक्षा का पेपर लीक होने पर आंदोलन किया। तो पार्टी नेताओं के साथ इसुदान गढ़वी (Isudan Gadhvi) भी बीजेपी के दफ्तर श्री कमलम् पर प्रदर्शन में शामिल हुए। इस दौरान उनके ऊपर बीजेपी की महिला कार्यकर्ताओं के साथ छेड़खानी और शराब के आराेप लगे। इसुदान गढ़वी को पुलिस कार्रवाई के बाद जेल भी जाना पड़ा। एफएसएल रिपोर्ट में शराब पीने की पुष्टि हुई तो इसुदान ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सी आर पाटिल (CR Patil) पर रिपोर्ट बदलने का आरोप लगाया और कहा कि वे शराब का सेवन नहीं करते हैं। गढ़वी ने तब खुद को देवी का उपासक बताया था।
गुजरात में विधानसभा चुनाव के लिए दो चरणों में 1 और 5 दिसंबर को मतदान होगा। मतों की गिनती 8 दिसंबर को होगी। इस पश्चिमी प्रदेश की कुल 182 सदस्यीय विधानसभा के लिए पहले चरण में 89 सीटों पर और दूसरे चरण में 93 सीटों पर मतदान होगा। बीजेपी ने गुजरात में पिछले छह विधानसभा चुनावों में लगातार जीत दर्ज की है।
वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 99 सीट जीती थीं जबकि कांग्रेस को 77 सीट मिली थीं। प्रतिशत के लिहाज से देखा जाए तो उस चुनाव में बीजेपी को 49.05 प्रतिशत मत मिले थे, जबकि कांग्रेस को 42.97 प्रतिशत मत मिले थे।
पिछले विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के कई विधायक बीजेपी में शामिल हो गए। इस वजह से विधानसभा में भगवा पार्टी के सदस्यों की संख्या बढ़कर 111 हो गई। जबकि कांग्रेस के सदस्यों की संख्या घटकर 62 पर पहुंच गई।