कमलनाथ ने खाद संकट को लेकर दी प्रदेशव्यापी आंदोलन की चेतावनी
भोपाल
“मध्यप्रदेश में खाद का भयावह संकट है और शिवराज सरकार किसानों की चिंता छोड़ सिर्फ़ चुनावी इवेंट में लगी हुई है। किसान खाद को लेकर रोज़ हो परेशान हो रहे हैं, खुद मुख्यमंत्री व कृषि मंत्री के क्षेत्र में किसान खाद को लेकर परेशान हैं” ये कहना है पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (kamalnath) का। आज उन्होने एक बयान में कहा कि प्रदेश में खाद का भयावह संकट है। अधिकांश हिस्सों में किसान खाद (fertilizer) के लिए कई-कई दिन तक लंबी लाइनों में लगे हुए हैं। खाद के लिए धरने दे रहे हैं, प्रदर्शन कर रहे हैं। खुद मुख्यमंत्री और प्रदेश के कृषि मंत्री के क्षेत्र में खाद का भारी संकट व्याप्त है लेकिन सरकार सच्चाई स्वीकार करने की बजाय कह रही है प्रदेश में खाद का कोई संकट नहीं है।
कमलनाथ ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (shivraj singh chouhan) अपने कार्यालय में बैठकर खाद की समीक्षा कर रहे हैं। यदि उन्हें खाद के संकट की वास्तविकता जानना है तो उन्हें किसानों के बीच मैदान में जाना चाहिये वस्तुस्थिति का पता चल सके। उन्होने कहा कि एक तरफ तो खाद का संकट जारी है ,वहीं दूसरी तरफ खाद की कालाबाजारी, मुनाफाखोरी व नकली खाद का व्यापार जोरों पर है। रबी के सीजन के लिए किसान खाद के इंतजार में कई दिन से बैठा हुआ है। जब उसे कई-कई दिन तक लंबी लाइनों में लगने के बावजूद खाद नहीं मिल पा रहा है तो वह उसे बाजार में ज्यादा दाम देकर खरीदने को मजबूर है। किसानों की इस परेशानी व खाद के संकट को देखते हुए मुनाफाखोर व नक़ली खाद का अवैध कारोबार करने वाले सक्रिय हो गए हैं और जमकर खाद की मुनाफाखोरी ,कालाबाजारी व नकली खाद की बिक्री का कार्य चरम पर है।
उन्होने कहा कि प्रदेश के मंदसौर ज़िले में नकली खाद की बिक्री का मामला भी सामने आया है। वही बात करें तो खुद मुख्यमंत्री के क्षेत्र विदिशा ,सीहोर व कृषि मंत्री के क्षेत्र हरदा की तो वहां भी किसान खाद को लेकर परेशान हो रहे है, लेकिन सरकार को किसानों की कोई चिंता नहीं है। वह तो सिर्फ नित नए चुनावी इवेंट में लगी हुई है। कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री जो खुद को किसान पुत्र बताते हैं वह अपने कार्यालय में बैठकर खाद की समीक्षा कर रहे हैं और कह रहे हैं कि प्रदेश में खाद की पर्याप्त उपलब्धता है, कोई संकट नहीं है। उन्होने आरोप लगाया कि सरकार ने खाद के पिछले संकट को देखते हुए कोई सबक़ नहीं लिया है, उन्होंने खाद की उपलब्धता को लेकर कोई कदम नहीं उठाये है , जिसके कारण आज यह स्थिति है। बेहतर हो कि मुख्यमंत्री जी खुद मैदान में जाएं, जमीनी हकीकत जानें, किसानों के खेत में जाएं..तभी उन्हें खाद के संकट की वास्तविकता पता चल सकेगी। उन्होने सरकार से मांग की कि सरकार खाद को लेकर स्थिति स्पष्ट करें, किसानों को खाद की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करें अन्यथा कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी। कमलनाथ ने चेतावनी दी कि खाद को लेकर हम प्रदेश भर में किसानों के साथ खड़े होंगे और खाद को लेकर प्रदेशव्यापी आंदोलन करेंगे क्योंकि प्रदेश का किसान पहले से ही ख़राब फ़सलो का मुआवज़ा अभी तक नहीं मिलने से परेशान है।