November 25, 2024

हिमाचल के जाति समीकरण ऐसा की राजपूत और ब्राह्मण ही बन पाए CM

0

शिमला
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में रिवाज बदलने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  शनिवार को दो जगह रैली संबोधित की । 14वीं विधानसभा के लिए पार्टी ने इस बार भी जयराम ठाकुर के नाम का ऐलान किया है। यह जानना भी दिलचस्प होगा कि हिमाचल प्रदेश में अब तक कुल 6 सीएम बने हैं। इनमें 5 राजपूत और एक ब्राह्मण रहे हैं। राज्य के सबसे पहले मुख्यमंत्री डॉक्टर यशवंत  सिंह परमार थे। 1952 में उन्होंने पहली बार सत्ता संभाली और इसके बाद लगातार चार बार सीएम रहे।

यही स्थिति कांग्रेस के दूसरे सीएम वीरभद्र सिंह के साथ रही। राजपूत नेता वीरभद्र ने राज्य में 6 बार सत्ता संभाली। कुल मिलाकर वे 22 साल तक सीएम पद पर रहे। राजपूत समुदाय के ही ठाकुर रामलाल भी राज्य के सीएम रह चुके हैं। इसके बाद भाजपा ने प्रेम कुमर धूमल को सीएम बनाया। उनका कार्यकाल भी दो बार रहा। मौजूदा भाजपा सरकार में जयराम ठाकुर सीएम हैं और पार्टी ने दूसरी बार भी मिशन रिपिट के तहत उन्हें ही सीएम फेस घोषित किया है।

शांता कुमार ब्राह्मण थे, 2 बार सीएम बने, दोनों बार आधा कार्यकाल  
हालांकि, शांता कुमार को राज्य का दो बार मुख्यमंत्री बनाया गया। वे राज्य के पहले ऐसे सीएम रहे हैं, जो गैर राजपूत थे। हैरानी की बात ये है कि दोनों ही बार वे अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके। सबसे पहले, 1977 में जब उन्होंने सत्ता संभाली दो साल सब ठीक चला, मगर इसके बाद हालात बिगड़े और 1980 में स्थिति ऐसी बनी कि उन्हें इस्तीफा देना पड़ गया। दस साल बाद फिर उन्होंने 1990 में सत्ता संभाली, मगर 1992 आते-आते ऐसे हालात पैदा हुए कि उन्हें इस्तीफा देना पड़ गया।

भाजपा से जेपी नड्डा और कांग्रेस से आनंद शर्मा भी ब्राह्मण, मगर सीएम फेस नहीं

आपको बता दें भारतीय जनता पार्टी के मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा भी हिमाचल प्रदेश से आते हैं। बिलासपुर के रहने वाले नड्डा ब्राह्मण हैं, मगर पार्टी ने उन्हें सीएम फेस कभी घोषित नहीं किया। ही स्थित कांग्रेस में कद्दावर नेता आनंद शर्मा की है। दावा किया जाता है कि हिमाचल से ताल्लुक रखने वाले आनंद शर्मा को वीरभद्र सिंह ने कभी राज्य में मजबूत नहीं होने दिया। ऐसे में वे ज्यादातर गुजरात या फिर दूसरे राज्यों से ही राज्यसभा जाते थे।

2011 की जनगणना के मुताबिक आंकड़ों पर एक नजर –

  •     राज्य की आबादी करीब 70 लाख
  •     सर्वणों की संख्या करीब 51 प्रतिशत
  •     राजपूतों की आबादी करीब 33 प्रतिशत
  •     ब्राह्मणों की आबादी करीब 18 प्रतिशत
  •     अनुसूचित जाति यानी एससी करीब 25 प्रतिशत
  •     अनुसूचित जनजाति यानी एसटी करीब 6 प्रतिशत
  •     अन्य पिछड़ा वर्ग यानी ओबीसी करीब 14 प्रतिशत
  •     अन्य जातियों और धर्म के लोगों की आबादी करीब 4 प्रतिशत

सबसे अधिक राजपूत, दूसरे नंबर पर ब्राह्मण
अब बात आंकड़ों की करते हैं। अब तक के लेटेस्ट आंकड़े 2011 की जनगणना के हैं। तब राज्य की जो आबादी सामने आई वो लगभग 70 लाख थी। अगर उसके मुताबिक गौर करें, तो राज्य में करीब 51 प्रतिशत आबादी सवर्णों की है, जिसमें ब्राह्मण और राजपूत शामिल हैं। इसमें सबसे अधिक 33 प्रतिशत राजपूत हैं, जबकि लगभग 18 प्रतिशत आबादी ब्राह्मणों की है। वहीं, करीब 25 प्रतिशत आबादी एससी यानी अनुसूचित जाति के लोगों की है। इसके अलावा, करीब 6 प्रतिशत आबादी एसटी यानी आदिवासी वर्ग की है। चौथे नंबर पर करीब 14 प्रतिशत आबादी के साथ राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग है। बाकी में अन्य जातियों और धर्म के लोग हैं।

12 नवंबर को मतदान, 8 दिसंबर को मतगणना
बता दें कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में नामांकन और नाम वापसी का दौर पूरा हो चुका है। यहां 68 विधानसभा सीटों के लिए कुल 786 उम्मीदवार ने पर्चा भरा था। मगर अब मैदान में 412 प्रत्याशी ही बचे हैं। 84 के पर्चे रिजेक्ट हो गए। वहीं 113 ने उम्मीदवारों ने नाम वापस ले लिया था। इस बार एक चरण में वोटिंग होगी। चुनाव प्रचार अभियान 10 नवंबर को शाम पांच बजे खत्म हो जाएगा। इसके बाद मतदान 12 नवंबर को है, जबकि मतगणना 8 दिसंबर को होगी। इसमें भाजपा और कांग्रेस के साथ-साथ इस बार आम आदमी पार्टी ने भी सभी 68 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए हैं।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *