अच्छी जीवन शैली और नियमित दिनचर्या से हृदय रोग, मधुमेह, रक्तचाप रोगों से बचा जा सकता है: चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग
सारंग ने मधुमेह एवं हृदय रोग पर राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ किया
भोपाल
चिकित्सा शिक्षा एवं भोपाल गैस त्रासदी मंत्री विश्वास सारंग ने कहा है कि अच्छी जीवन शैली और नियमित दिनचर्या अपनाकर काफी हद तक मधुमेह, हार्ट अटैक, उच्च रक्तचाप आदि बीमारियों से बचा जा सकता है। सभी चिकित्सकों को मरीजों को कम से कम दर पर अच्छी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करानी चाहिए। शहर के चिकित्सकों को ग्रामों और दूर-दराज के क्षेत्रों में अपनी सेवाएँ देने के लिये आगे आना चाहिए, जिससे वहाँ के लोगों के स्वास्थ्य में सुधार हो।
मंत्री सारंग ने आज स्थानीय होटल में हृदय एवं मधुमेह रोग केन्द्रित दो दिवसीय 20वें राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ किया। सम्मेलन में भारत के विभिन्न प्रदेशों से आये विशेषज्ञ चिकित्सकों ने भाग लिया। एम्स दिल्ली के डायरेक्टर पद्मडॉ. रनदीप गुलेरिया ने कहा कि कोविड महामारी से देश को बहुत नुकसान हुआ परन्तु सभी के सहयोग से हमारे देश ने इस पर काबू पा लिया है। वर्तमान में कोविड के इक्का-दुक्का केस ही नजर आते हैं। डॉ. शीला नयनन मायतरा, मुम्बई ने भी संबोधन दिया।
अपोलो अस्पताल दिल्ली के डॉ. एन.एन. खन्ना ने बताया कि नवीन पद्धतियों से पैर की नसों की सुकड़न को प्रभावी ढंग से ठीक किया जा सकता है। गंगाराम अस्पताल दिल्ली के डॉ. अश्विनी मेहता ने खून की चिपचिपाहट कम करने की दवाओं के बारे में बताया। डॉ. श्रीमती शैला मैत्रा ने कहा कि समय से पता चल जाने पर सेप्सिस बीमारी का इलाज हो जाता है, परन्तु देरी होने पर यह रोग घातक सिद्ध हो सकता है। डॉ. आशीष नाभर मुम्बई ने हृदय की लय संबंधी बीमारी में बताया और कहा कि असमय मृत्यु को रोकने के लिये एआईसीडी का प्रत्यारोपण अच्छे परिणाम देता है।
आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ. पी.सी. मनोरिया ने कहा कि देश में हर तीन वयस्क व्यक्तियों में से एक को हाई ब्लड प्रेशर, 5 में से एक व्यक्ति को डायबिटिज और 3 में से एक व्यक्ति को कोलेस्ट्राल रहता है। प्रतिवर्ष 30 लाख लोगों को हार्ट अटैक होता और हर 15 मिनिट में एक हार्ट अटैक होता है। हार्ट अटैक जीवन शैली संबंधी बीमारी है और अच्छी जीवन शैली से इस पर काबू पाया जा सकता है।
80 तक जीना है तो 80 का मूल मंत्र अपनाये
डॉ. मनोरिया ने बताया कि यदि आप 80 वर्ष तक स्वस्थ रहना चाहते हैं तो 80 का मूल मंत्र अपनायें अर्थात् कमर का घेरा 80 सेंटीमीटर, ब्लड शुगर 80 एमजी, नीचे की ब्लड प्रेशर 80, एलडीएल कोलेस्ट्राल 80 एमजी, धूम्रपान करने वालों से दूरी 80 मीटर, हृदय की धड़कन 80 प्रति मिनिट, दूषित वातावरण 80 डीबी से अधिक नहीं होना चाहिए। हार्ट अटैक एवं लकवा रोगी 80 एमजी एस्प्रिन एवं एटोरबा गोली लें।
डॉ. पंकज मनोरिया ने कहा कि हार्ट अटैक में मरीजों की एंजियोप्लास्टी में इंट्रावास्कुलर अल्ट्रासाउंड (IVUS) एवं ऑप्टिकल कोहेरेन्स टोमोग्राफी (OCT) का उपयोग करने से एक नये युग की शुरूआत हुई है। इनके द्वारा यह आसानी से पता लगाया जाता है कि हृदय की धमनी में जिस स्टेंट का प्रत्यारोपण किया गया है वह सटीक तरीके से लगाया गया है या नहीं। डॉ. रोशन चंचलानी ने आभार व्यक्त किया।