ओडिशा सरकार ने महानदी झूला पुल अनिश्चितकाल के लिए किया बंद
कटक
गुजरात के मोरबी में झूला पुल गिरने के बाद ओडिशा सरकार अलर्ट हो गई है। और इस गंभीरता को समझाते हुए ओडिशा सरकार ने महानदी नदी झूला पुल को अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया गया है। महानदी नदी झूला पुल धबलेश्वर शिव मंदिर को कटक जिले के अथागढ़ से जोड़ता है। इस झूले पुल पर भारी यातायात चलता है। 7 और 8 नवंबर को बड़ा ओशा और कार्तिक पूर्णिमा त्योहारों से पहले प्रसिद्ध धबलेश्वर मंदिर में धारा 144 लागू कर दी गई है। एक अधिकारी ने कहा कि, निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है क्योंकि भक्त झुला पुल और देशी नौकाओं का उपयोग कर मंदिर में आते हैं। उड़ीसा सरकार के लिए यह परेशानी का सबब बन सकता है।
शैव मंदिर में होती है भारी भीड़
कटक महानदी के टापू पर मौजूद प्राचीन शैव मंदिर में भगवान के दर्शन के लिए कार्तिक पूर्णिमा के दिन प्रदेशभर से श्रद्धालु पहुंचते हैं। इस दिन भारी भीड़ होती है। भक्त बड़ी संख्या में झूला पुल का उपयोग कर प्रसिद्ध शिव मंदिर में आते हैं। पिछले दो वर्षों से, भक्तों को कोविड-19 के मद्देनजर मंदिर में जाने की अनुमति नहीं थी। पर इस वर्ष त्योहारों पर अधिक भक्तों के मंदिर में आने की उम्मीद है। इस बीच, मोरबी की घटना हुई, जिसने ओडिशा सरकार के लिए खतरे की घंटी बजा दी।
2006 में हुआ था महानदी नदी झूला पुल का निर्माण
महानदी नदी झूला पुल का निर्माण 2006 में हुआ था। और अब यह कमजोर हो गया है। सबसे पहले, स्थानीय प्रशासन ने एक बार में इसकी अधिकतम क्षमता 600 व्यक्तियों से 200 व्यक्तियों तक सीमित कर दी है। बाद में, उन्होंने इसे अनिश्चित काल के लिए बंद करने का फैसला किया।
भक्तों की सुरक्षा को देखते हुए लगाए प्रतिबंध – कटक डीएम
कटक के जिला कलेक्टर भबानी शंकर ने कहा, भक्तों की सुरक्षा को देखते हुए, हमने धाबलेश्वर मंदिर में ये प्रतिबंध लगाए हैं। हमने झूला पुल के पास एक बड़ा एलईडी टीवी लगाया है, जिसके माध्यम से भक्त वर्चुअल मोड के माध्यम से भगवान धबलेश्वर के अनुष्ठानों को देख सकते हैं। हालांकि, स्थानीय प्रशासन के अचानक लिए गए फैसले से मंदिर के पुजारी और श्रद्धालु नाखुश हैं।